अजरबैजान और पाकिस्तान के बीच 2 बिलियन डॉलर का समझौता
अजरबैजान और पाकिस्तान ने 2 बिलियन डॉलर का एक महत्वपूर्ण आर्थिक समझौता किया है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। यह समझौता ECO समिट के दौरान संपन्न हुआ, जिसमें दोनों देशों के नेताओं ने मुलाकात की। इस समझौते से व्यापार और निवेश में वृद्धि की उम्मीद है। अजरबैजान के राष्ट्रपति जल्द ही पाकिस्तान का दौरा करेंगे। जानें इस समझौते के पीछे की कहानी और दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों के बारे में।
Jul 5, 2025, 18:01 IST
| अजरबैजान और पाकिस्तान के बीच आर्थिक सहयोग
अजरबैजान ने पाकिस्तान के साथ एक महत्वपूर्ण आर्थिक समझौता किया है, जिसकी कुल राशि 2 बिलियन डॉलर (लगभग 17,000 करोड़ रुपये) है। इस समझौते का उद्देश्य पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। दोनों देशों के बीच पहले से ही अच्छे संबंध हैं, और अब वे एक-दूसरे की आर्थिक सहायता करने के लिए सहमत हुए हैं।यह समझौता अजरबैजान में आयोजित ECO समिट के दौरान संपन्न हुआ, जहां पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने मुलाकात की। इस अवसर पर पाकिस्तानी उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार तथा अजरबैजान के वित्त मंत्री मिकेल जब्बारोव ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि होने की उम्मीद है। अजरबैजान के राष्ट्रपति जल्द ही पाकिस्तान का दौरा करेंगे, जिसके बाद इस समझौते से संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। हालांकि, उनकी यात्रा की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वह इस वर्ष पाकिस्तान का दौरा करेंगे।
पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच संबंधों में सुधार हुआ है, विशेषकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जब अजरबैजान ने पाकिस्तान का समर्थन किया था। इस ऑपरेशन के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग भी मजबूत है, और अब वे एक-दूसरे को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
हालांकि, अजरबैजान ने भारत और रूस के साथ अपने संबंधों में भी गिरावट देखी है। अजरबैजान की भारत और रूस दोनों के साथ पहले अच्छी दोस्ती थी, लेकिन अब स्थिति बिगड़ गई है। रूस के साथ संबंधों में गिरावट दिसंबर 2024 में शुरू हुई, जब अजरबैजान एयरलाइंस का एक विमान गलती से रूस में मार गिराया गया था, जिसमें 38 लोगों की जान गई थी।