अजरबैजान का ईरान के प्रति चुप्पी: इजराइल के खिलाफ मुस्लिम एकता में अनुपस्थिति

अजरबैजान और ईरान के बीच बढ़ती दूरी
अजरबैजान और ईरान: पाकिस्तान का करीबी सहयोगी अजरबैजान अब ईरान के साथ संबंधों में दूरी बनाए हुए है। 17 जून को 21 मुस्लिम देशों ने इजराइल के खिलाफ एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पाकिस्तान और तुर्की शामिल थे, लेकिन अजरबैजान का नाम नहीं था। इस पर अजरबैजान के प्रतिकूल आर्मेनिया ने ईरान का समर्थन किया है।
ईरान के समर्थन में मुस्लिम देशों की सूची
ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी के अनुसार, जिन 21 देशों ने ईरान का समर्थन किया है, उनमें इराक, लीबिया, बहरीन, जॉर्डन, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, जिबूती, चाड, और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।
तुर्की का दोहरा रवैया
तुर्की का दोहरा खेल
तुर्की ईरान के खिलाफ हमलों की निंदा कर रहा है, लेकिन वह ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकने की कोशिश भी कर रहा है। अमेरिका की शर्तों पर तुर्की ईरान और इजराइल के बीच समझौता कराने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, ईरान इस पर चुप्पी साधे हुए है, लेकिन अजरबैजान की हालिया गतिविधियाँ चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
अजरबैजान की स्थिति
अजरबैजान का युद्ध में उलझना
अजरबैजान वर्तमान में युद्ध में व्यस्त है और वह किसी अन्य संघर्ष में शामिल होकर अपनी स्थिति को और कमजोर नहीं करना चाहता। इसके अलावा, अजरबैजान और इजराइल के बीच व्यापारिक संबंध भी मजबूत हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अजरबैजान ने पिछले वर्ष इजराइल को दस लाख टन तेल बेचा था और इस वर्ष भी ऐसा करने की योजना बना रहा है।
OIC में समर्थन की कमी
OIC में केवल 21 देशों का समर्थन
इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में कुल 57 सदस्य देश हैं, लेकिन केवल 21 देशों ने ईरान के समर्थन में आवाज उठाई है। 26 देश अभी भी चुप हैं, जो एक महत्वपूर्ण प्रश्न खड़ा करता है। जिन प्रमुख मुस्लिम देशों ने समर्थन नहीं किया है, उनमें बांग्लादेश और सीरिया शामिल हैं।