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अनिरुद्धाचार्य के आश्रम में महिलाओं का जीवन: एक सच्चाई की पड़ताल

अनिरुद्धाचार्य के आश्रम में महिलाओं की स्थिति को लेकर चल रहे विवाद के बीच, एक मीडिया चैनल ने वहां की वास्तविकता की जांच की। आश्रम में रहने वाली बुजुर्ग महिलाओं ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए, जिसमें उनके आरामदायक जीवन और परिवार से दूर रहने की कहानी शामिल है। जानें कि ये महिलाएं किस प्रकार की परिस्थितियों में रह रही हैं और उनके जीवन की सच्चाई क्या है।
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अनिरुद्धाचार्य के आश्रम में महिलाओं का जीवन: एक सच्चाई की पड़ताल

महिलाओं का जीवन अनिरुद्धाचार्य के आश्रम में

अनिरुद्धाचार्य के आश्रम में महिलाओं की स्थिति: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के महिलाओं के प्रति दिए गए बयान ने विवाद को जन्म दिया है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे पर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं और कई लोग कथावाचकों और उनके आश्रमों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसी संदर्भ में, एक मीडिया चैनल ने अनिरुद्धाचार्य के आश्रम का दौरा किया ताकि यह जान सके कि वहां महिलाएं किस प्रकार की परिस्थितियों में रह रही हैं। यह आश्रम वृंदावन में स्थित है।


जब संवाददाता आश्रम पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि एक बड़े हॉल में कई बुजुर्ग महिलाएं बैठी थीं। हर महिला के लिए अलग-अलग बिस्तर की व्यवस्था की गई थी। उनके बिस्तरों के पास दवाइयां, पानी और अन्य आवश्यक सामान रखा गया था। जब महिलाओं से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उनका जीवन आश्रम में काफी आरामदायक है और उन्हें समय पर खाना और अन्य चीजें मिलती हैं। अधिकतर महिलाओं के परिवार में कोई नहीं है और वे यहां 2 से 10 साल से रह रही हैं। ये महिलाएं इंदौर, लखनऊ, बिहार, छत्तीसगढ़ जैसे विभिन्न राज्यों से आई हैं। इंदौर से आई एक महिला ने बताया कि उनके तीन बेटे और दो बेटियां हैं। जब बच्चों ने उन्हें अपने साथ रखने से मना कर दिया, तो पड़ोस की एक मुस्लिम महिला सायरा ने उन्हें आश्रम तक पहुंचाया। पूरी रिपोर्ट देखने के लिए इस लिंक या ऊपर दी वीडियो पर क्लिक करें।