अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री ने भारत को बताया दवाइयों का महत्वपूर्ण साझेदार
भारत का उभरता हुआ स्वास्थ्य साझेदार
नई दिल्ली। अफगानिस्तान के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री मौलवी नूर जलाल जलाली ने शनिवार को कहा कि भारत अब अफगानिस्तान की दवाइयों की आवश्यकताओं के लिए एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक साझेदार के रूप में उभर रहा है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के साथ संबंधों में खटास आ गई है। नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए जलाली ने कहा कि पहले अफगानिस्तान के फार्मास्युटिकल बाजार का 60-70 प्रतिशत हिस्सा पाकिस्तान के पास था, लेकिन हाल की समस्याओं के कारण काबुल को नए विकल्पों की तलाश करनी पड़ी है।
जलाली ने बताया कि अब हमें उस कमी को पूरा करने के लिए वैकल्पिक समाधान खोजने की आवश्यकता है, और भारत उनमें से एक है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण पर जोर देते हुए कहा कि राजनीतिक मतभेदों को चिकित्सा सहयोग में बाधा नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मेरे लिए केवल एक दुश्मन है, और वह है बीमारी। यदि मैं किसी भी देश की मदद से अपने दुश्मन को हरा सकता हूं, तो मैं सहायता के लिए संपर्क करूंगा।' जलाली ने यह भी बताया कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संबंध 'खराब' हो गए हैं। उन्होंने भारत के साथ सहयोग का एक नया अध्याय शुरू करने की इच्छा व्यक्त की और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों और भारत की विश्वसनीय स्वास्थ्य साझेदार के रूप में भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'हमारे भारत के साथ मजबूत रिश्ते हैं और हम यहां सहयोग और तालमेल का एक नया अध्याय शुरू करने आए हैं।'
