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अमिताभ कांत का H-1B वीजा पर बयान: भारत को मिलेगा लाभ

नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने H-1B वीजा के संदर्भ में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए बदलावों को भारत के लिए लाभकारी बताया है। उनका मानना है कि इससे भारत में कुशलता बनी रहेगी और वैश्विक प्रतिभा भारत की ओर आकर्षित होगी। कांत ने कहा कि यह नीति अमेरिका में नवाचार को बाधित करेगी, जबकि भारत में इसे बढ़ावा देगी। जानें इस विषय पर उनके विचार और अमेरिका में बढ़ी फीस के बारे में।
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अमिताभ कांत का H-1B वीजा पर बयान: भारत को मिलेगा लाभ

H-1B वीजा पर अमिताभ कांत की राय

Amitabh Kant On H-1B Visa: नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने H-1B वीजा के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उनका मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए बदलाव भारत के लिए फायदेमंद साबित होंगे। कांत ने कहा कि हर H-1B वीजा आवेदन पर 100,000 डॉलर का शुल्क अमेरिका में योग्य विदेशी श्रमिकों की संख्या को कम कर देगा।


इससे भारत को काफी लाभ होगा, क्योंकि इससे देश में कुशलता बनी रहेगी। इसके परिणामस्वरूप, वैश्विक प्रतिभा भारत की ओर आकर्षित होगी। उनका कहना है कि इससे भारत के नवाचार क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, विशेषकर बैंगलोर, हैदराबाद, पुणे और गुड़गांव जैसे तकनीकी केंद्रों में।




अमिताभ कांत का एक्स पर पोस्ट

अमिताभ कांत ने एक्स पर किया पोस्ट:


कांत ने एक्स पर एक पोस्ट साझा किया जिसमें उन्होंने कहा कि इस नीति के कारण अमेरिका वैश्विक प्रतिभा को खो देगा, जबकि भारत को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि भारत के डॉक्टरों, इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों को अब अपने देश के विकास में योगदान देने का अवसर मिलेगा।


कांत के अनुसार, नई नीति अमेरिका में नवाचार को बाधित करेगी और भारत में इसे बढ़ावा देगी, जिससे बैंगलोर और हैदराबाद जैसे शहरों में अधिक स्टार्टअप, पेटेंट और प्रयोगशालाएं स्थापित होंगी।


H-1B वीजा आवेदन के लिए बढ़ी फीस

H-1B वीजा आवेदन के लिए देने होंगे ज्यादा रुपये:


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि H-1B वीजा आवेदन के लिए अब हर साल $100,000 (भारतीय मुद्रा में लगभग 88 लाख रुपये) की फीस देनी होगी। इस कार्यक्रम में कुछ बदलाव किए गए हैं, क्योंकि यह प्रशासन की निगरानी में है।