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अमेरिका का ईरान पर हमला: जानें इसके पीछे की वजहें

हाल ही में अमेरिका ने ईरान पर हमला किया है, जो इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष का एक नया मोड़ है। इस हमले में अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों को निशाना बनाया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सुप्रीम लीडर के बारे में गंभीर बयान दिए हैं। जानें कि अमेरिका ने युद्ध में शामिल होने का निर्णय क्यों लिया और इसके पीछे की मजबूरियाँ क्या थीं।
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अमेरिका का ईरान पर हमला: जानें इसके पीछे की वजहें

अमेरिका का ईरान पर हमला

अमेरिका का ईरान पर हमला: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष ने अब एक नया मोड़ ले लिया है, जिसमें अमेरिका भी शामिल हो गया है। हाल ही में, अमेरिका ने ईरान पर हमला किया। हिंद महासागर में स्थित डिएगो गार्सिया में अमेरिका-ब्रिटेन के संयुक्त सैन्य अड्डे से B-2 स्पिरिट बॉम्बर ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर बंकर बस्टर बम गिराए। इन स्थलों में फोर्डो, नतांज और इस्फाहान शामिल हैं।


फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर सबसे अधिक बमबारी की गई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की जानकारी देते हुए ईरान को सीजफायर करने की सलाह भी दी। लेकिन सवाल यह उठता है कि अमेरिका ने युद्ध में शामिल होने का निर्णय क्यों लिया? अमेरिका ने ईरान पर हमले की योजना बनाने के बाद इसे 15 दिन के लिए टालने का निर्णय लिया था, फिर भी वह समय पूरा होने से पहले ही युद्ध में कूद पड़ा।


आइए जानते हैं कि अमेरिका को ऐसा क्या मजबूरी महसूस हुई कि उसे युद्ध में शामिल होना पड़ा।


राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के बारे में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को पता है कि खामेनेई कहां छिपे हुए हैं और उन्हें एक आसान टारगेट बताया। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'हमें पता है कि ईरान के कथित सुप्रीम लीडर कहां हैं। वे हमारे लिए एक आसान टारगेट हैं, लेकिन फिलहाल हम उन्हें मारना नहीं चाहते।'