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अमेरिका-चीन व्यापार युद्धविराम का विस्तार, टकराव टला

अमेरिका और चीन ने अपने व्यापार युद्धविराम को 10 नवंबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे संभावित टकराव टल गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते को 90 दिनों के लिए बढ़ाने की घोषणा की है, जिससे दोनों देशों को अपने मतभेदों को सुलझाने का समय मिलेगा। यह निर्णय अमेरिकी कंपनियों द्वारा भी सराहा गया है, जो चीन में अपने व्यापार को बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और अधिक जानकारी।
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अमेरिका-चीन व्यापार युद्धविराम का विस्तार, टकराव टला

व्यापार युद्धविराम का नया मोड़

अमेरिका और चीन ने अपने व्यापार युद्धविराम को 10 नवंबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है, जबकि दोनों देशों ने एक-दूसरे पर टैरिफ बढ़ाने की योजना बनाई थी। बीजिंग और वाशिंगटन ने एक संयुक्त बयान में कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में घोषित तीन अंकों वाले टैरिफ को अगले 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। 


टकराव से बचने का प्रयास

खतरनाक टकराव टल गया 


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चीन के साथ व्यापार समझौते को 90 दिनों के लिए बढ़ाने की घोषणा की, जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संभावित टकराव को टाल दिया गया है। ट्रंप ने अपने ‘ट्रुथ सोशल’ प्लेटफॉर्म पर बताया कि उन्होंने विस्तार के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं और ‘‘समझौते की अन्य सभी बातें जस की तस रहेंगी।’’


चीन के साथ व्यापारिक समझौते की 90 दिन की पिछली समय सीमा मंगलवार रात 12 बजकर एक मिनट पर समाप्त होने वाली थी। यदि ऐसा होता, तो अमेरिका चीन से होने वाले आयात पर पहले से लागू 30 प्रतिशत के उच्च करों को और बढ़ा सकता था, और चीन भी अमेरिकी निर्यात पर जवाबी शुल्क बढ़ा सकता था। इस समझौते की अवधि बढ़ाने से दोनों देशों को अपने मतभेदों को सुलझाने का समय मिल गया है, जिससे संभवतः इस साल के अंत में ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच शिखर सम्मेलन का रास्ता साफ हो गया है।


चीन के साथ व्यापार करने वाली अमेरिकी कंपनियों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है। ‘यूएस-चाइना बिजनेस काउंसिल’ के अध्यक्ष सीन स्टीन ने कहा कि इस विस्तार से दोनों सरकारों को व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए और समय मिलेगा, जो काफी ‘‘अहम’’ है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी कारोबारियों को उम्मीद है कि इससे चीन में उनकी बाजार पहुंच में सुधार होगा और कंपनियों में मध्यम एवं दीर्घकालिक योजनाएं बनाने के लिए आवश्यक भरोसा कायम होगा।