अमेरिका में वीज़ा नियमों में बदलाव: विदेशी छात्रों के लिए नई सीमाएं

वीज़ा दुरुपयोग को रोकने के लिए नए नियम
वीज़ा दुरुपयोग के खिलाफ उठाए गए कदम: संयुक्त राज्य अमेरिका ने वीज़ा के दुरुपयोग को रोकने और निगरानी को सख्त करने के लिए महत्वपूर्ण बदलावों की योजना बनाई है। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने प्रस्तावित किया है कि विदेशी छात्रों और कुछ अन्य वीज़ा धारकों के लिए देश में रहने की अवधि को अब एक निश्चित समय सीमा में सीमित किया जाएगा।
डीएचएस का दृष्टिकोण
डीएचएस के प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम वीज़ा के दुरुपयोग को समाप्त करने में सहायक होगा और सरकारी संसाधनों पर बोझ को भी कम करेगा। उनके अनुसार, लंबे समय से विदेशी छात्र और अन्य वीज़ा धारक अमेरिका में अनिश्चितकाल तक रह रहे हैं, जिससे सुरक्षा जोखिम बढ़ा है और करदाताओं पर आर्थिक दबाव पड़ा है।
पहले की व्यवस्था
1978 से एफ-वीज़ा धारकों को अमेरिका में अनिर्दिष्ट अवधि के लिए रहने की अनुमति थी, जिसे स्थिति की अवधि कहा जाता था। इस व्यवस्था के तहत छात्र बिना किसी अतिरिक्त जांच के कई वर्षों तक रह सकते थे। अमेरिकी स्वास्थ्य सेवाओं के अनुसार, कई छात्र इस प्रावधान का लाभ उठाकर हमेशा के लिए छात्र बने रहे, जो नियमों के खिलाफ है।
नए प्रस्ताव में बदलाव
डीएचएस ने स्पष्ट किया है कि विदेशी छात्रों और एक्सचेंज कार्यक्रम से जुड़े व्यक्तियों को केवल उनके पाठ्यक्रम की अवधि तक ही अमेरिका में रहने की अनुमति दी जाएगी। यह अवधि चार साल से अधिक नहीं होगी। विदेशी मीडिया प्रतिनिधियों के लिए प्रारंभिक अवधि 240 दिन निर्धारित की जाएगी, और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें 240 दिन का अतिरिक्त विस्तार मिल सकता है, लेकिन यह उनके अस्थायी कार्यकाल से अधिक नहीं होगा।
प्रवासन बढ़ाने के लिए आवेदन की आवश्यकता
नए नियमों के अनुसार, छात्रों, एक्सचेंज विज़िटर्स और विदेशी मीडिया प्रतिनिधियों को यदि अमेरिका में निर्धारित समय से अधिक रुकना है, तो उन्हें यूएससीआईएस (यू.एस. सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज) के पास आवेदन करना होगा। इस प्रक्रिया के माध्यम से नियमित मूल्यांकन किया जाएगा और केवल उचित कारण पाए जाने पर ही अतिरिक्त प्रवास की अनुमति दी जाएगी।
संभावित प्रभाव
अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि इन नए नियमों से पारदर्शिता बढ़ेगी और यह सुनिश्चित होगा कि वीज़ा धारक अपने मूल उद्देश्य तक ही सीमित रहें। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इससे उन छात्रों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जो उच्च शिक्षा या अनुसंधान कार्यक्रम के लिए लंबे समय तक अमेरिका में रहना चाहते हैं।