अमेरिकी अदालत ने ट्रंप के नेशनल गार्ड आदेश पर रोक लगाई

अमेरिकी अदालत का महत्वपूर्ण फैसला
एक अपीलीय अदालत ने अमेरिका में एक संघीय न्यायाधीश के उस आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कैलिफोर्निया से ‘नेशनल गार्ड’ के सैनिकों को हटाने का निर्देश दिया गया था।
ट्रंप ने लॉस एंजेलिस में आव्रजन छापों के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के बाद इन जवानों को तैनात किया था। अदालत ने इस मामले की सुनवाई 17 जून को निर्धारित की है। बृहस्पतिवार रात का यह निर्णय उस न्यायाधीश के आदेश के कुछ घंटों बाद आया, जो शुक्रवार दोपहर से लागू होने वाला था।
न्यायाधीश ने कहा कि सेना की तैनाती अवैध है और यह दसवें संशोधन तथा ट्रंप के वैधानिक अधिकार का उल्लंघन करती है। यह आदेश केवल ‘नेशनल गार्ड’ के जवानों पर लागू होता है, जबकि नौसेना के जवानों पर नहीं, जिन्हें लॉस एंजेलिस के प्रदर्शनों के दौरान तैनात किया गया था।
न्यायाधीश ने यह भी स्पष्ट किया कि वह नौसेना के मामले में कोई निर्णय नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने अभी मोर्चा नहीं संभाला है। इस बीच, अमेरिका भर में आव्रजन छापों के खिलाफ प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। कई स्थानों पर ‘इमिग्रेशन और कस्टम्स इंफोर्समेंट’ (आईसीई) के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए, जबकि कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुईं।
पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया। आव्रजन कानूनों के सख्त प्रवर्तन के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के बाद, ट्रंप ने लॉस एंजेलिस में ‘नेशनल गार्ड’ के लगभग 4,000 सैनिकों और नौसेना के 700 जवानों की तैनाती का आदेश दिया था।
उग्र विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए अधिकारियों ने लॉस एंजेलिस और स्पोकेन में कर्फ्यू लागू कर दिया है। टेक्सास और मिसौरी के रिपब्लिकन गवर्नरों ने प्रदर्शनों से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन अधिकारियों की मदद के लिए सैन्य जवानों को तैयार रहने का निर्देश दिया है।