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अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान श्रद्धालुओं से अपील

अयोध्या में राम मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से 5 जून 2023 को अयोध्या न आने की अपील की है। इस दिन कोई विशेष कार्यक्रम नहीं होगा, और श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन करने की अनुमति होगी, लेकिन विशेष आयोजनों में भाग लेने की अनुमति नहीं है। जानें इस समारोह के बारे में और क्या विशेष तैयारियां की गई हैं।
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राम मंदिर प्रशासन की अपील

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे 5 जून 2023 को अयोध्या न आएं। इस संबंध में जानकारी देते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि कुछ विशेष आयोजनों के कारण श्रद्धालुओं से यह अपील की गई है। मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस दिन कोई विशेष कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।


राम मंदिर का निर्माण अब पूरा हो चुका है और वर्तमान में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया चल रही है। 22 जनवरी 2024 को मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप की स्थापना की गई थी। इसके बाद 3 जून से दूसरा प्राण प्रतिष्ठा समारोह आरंभ हो गया है, जो 5 जून को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के साथ समाप्त होगा।


5 जून को गंगा दशहरा भी मनाया जाएगा, लेकिन श्रद्धालुओं को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं होगी। इस समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। अनुष्ठान सुबह 6:30 बजे शुरू होंगे, और अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:30 बजे राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मुख्यमंत्री उस समय मंदिर में मौजूद रहेंगे और दोपहर 1 बजे तक मंदिर परिसर में रहेंगे।


3 जून से सभी अनुष्ठान शुरू हो चुके हैं। 2 जून को मातृशक्ति ने सरयू नदी के किनारे भव्य कलश यात्रा निकाली, जिसमें श्रद्धालुओं का उत्साह देखने को मिला। अयोध्या के विद्वानों ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुहूर्त तय कर दिया है, और मंदिर के 6 अन्य मंदिरों में भी अभिषेक अनुष्ठान किए जाएंगे। गणेश, भगवान शिव, देवी भगवती, हनुमान जी, भगवान सूर्य, देवी अन्नपूर्णा और अन्य अवतारों की मूर्तियों का अभिषेक किया जाएगा।


राम मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सूचित किया है कि उन्हें इस दिन मंदिर में दर्शन करने की अनुमति होगी, लेकिन विशेष आयोजनों के लिए नहीं। प्रशासन ने यह भी घोषणा की है कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं की जाएगी और मंदिर सामान्य रूप से दर्शन के लिए खुला रहेगा। इस कारण, अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को सूचित किया गया है कि वे उस दिन बिना किसी विशेष आयोजन में भाग लिए नियमित रूप से मंदिर में दर्शन कर सकते हैं।