अरुणाचल प्रदेश और असम में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही

भूस्खलन और बाढ़ का कहर
पिछले 48 घंटों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और मिजोरम में हुई मूसलाधार बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा कर दी है, जिससे कई लोगों की जानें गई हैं। इन राज्यों में प्राकृतिक आपदा ने व्यापक तबाही मचाई है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले में बाना-सेप्पा मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग 13 पर भूस्खलन के कारण दो परिवारों के सात सदस्यों की जान चली गई।
पुलिस अधीक्षक कमदम सिकोम के अनुसार, इस घटना की जानकारी शुक्रवार रात लगभग 8 बजे मिली। सेप्पा पुलिस स्टेशन को फोन पर बताया गया कि लगातार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है, जिसमें एक सफेद मारुति फ्रॉन्क्स कार बह गई। उन्होंने कहा कि सेप्पा पुलिस की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। भूस्खलन के कारण वाहन सड़क से नीचे गिर गया और गहरी खाई में चला गया, जिसमें सात लोग लापता हो गए।
स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन
एसपी ने बताया कि रेस्क्यू टीम ने लगातार बचाव कार्य किया और 31 मई की सुबह स्थानीय ग्रामीणों की मदद से कई घंटों की खोज के बाद वाहन और मृतकों को खोज निकाला। मृतकों में चार छोटे बच्चे और दो महिलाएं शामिल हैं, जो बिचोम जिले के किटचांग गांव के निवासी थे।
इसके अलावा, जीरो कस्बे में शुक्रवार रात कैबेज गार्डन क्षेत्र में हुए भूस्खलन में दो और लोगों की जान गई। डिप्टी एसपी ओजिंग लेगो ने बताया कि राज्य आपदा टीम और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन मिट्टी में दबने से दो लोगों की जान चली गई।
असम में बाढ़ और भूस्खलन का प्रभाव
असम के कामरूप मेट्रोपोलिटन जिले में भूस्खलन के कारण पांच लोगों की मौत हुई, जिनमें तीन महिलाएं शामिल हैं। गुवाहाटी के बोंडा क्षेत्र में हुई इस घटना ने स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया। शहरी मामलों के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने कहा कि बाढ़ से कामरूप, कछार, धेमाजी, लखीमपुर और गोलाघाट सहित छह जिलों में 10,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जहां दो राहत शिविर और एक वितरण केंद्र स्थापित किया गया है। गुवाहाटी में भारी जलजमाव के कारण स्कूल बंद कर दिए गए हैं और सरकारी कर्मचारियों को विशेष छुट्टी दी गई है।
रेड अलर्ट और राहत कार्य जारी
अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। सरकार ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है, लेकिन प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। इन आपदाओं ने जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।