Newzfatafatlogo

अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 13 दिन की ED कस्टडी

साकेत कोर्ट ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर जव्वाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 13 दिन की ED कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। ED ने आरोप लगाया है कि सिद्दीकी ने यूनिवर्सिटी के माध्यम से छात्रों को धोखा देकर ₹415 करोड़ की अवैध कमाई की। सिद्दीकी का वकील इस मामले को झूठा बताते हुए कस्टडी की अवधि को सीमित करने की मांग कर रहा है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ED को कस्टोडियल इंटरोगेशन की अनुमति दी है।
 | 
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 13 दिन की ED कस्टडी

साकेत कोर्ट का फैसला


नई दिल्ली: साकेत कोर्ट ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद के चेयरमैन और चांसलर जव्वाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 13 दिन की ED कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। यह निर्णय मंगलवार की रात को साकेत कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शीतल चौधरी द्वारा लिया गया।


ED की मांग और आरोप

ED ने 14 दिन की कस्टडी की मांग की थी, यह बताते हुए कि सिद्दीकी एक बड़े स्कैम के मुख्य आरोपी हैं, जिसमें यूनिवर्सिटी और उसके संस्थान ने झूठे NAAC और UGC दावों के आधार पर लगभग ₹415.10 करोड़ की अवैध कमाई की।


छात्रों से धोखाधड़ी का आरोप


ED ने यह भी आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी ने फर्जी मान्यता के माध्यम से छात्रों को गुमराह किया और उनसे पैसे वसूले। यह मामला दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा 13 नवंबर को दर्ज FIR नंबर 337/2025 और 338/2025 से संबंधित है। FIR में यह आरोप लगाया गया है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट पर पुरानी और समाप्त हो चुकी NAAC ग्रेड प्रदर्शित की, जिससे छात्रों को धोखा हुआ। UGC अधिनियम की धारा 12(B) के तहत मान्यता का झूठा दावा किया गया, जबकि UGC ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई आवेदन नहीं किया गया था।


आर्थिक लाभ और सिद्दीकी की भूमिका

ED के अनुसार, इन 'गुमराह करने वाले दावों' के माध्यम से छात्रों और उनके परिवारों से फीस वसूल की गई, जिससे ₹415 करोड़ से अधिक की आय हुई। आयकर रिटर्न की जांच में 2014-15 से 2024-25 तक शिक्षा राजस्व में असामान्य वृद्धि देखी गई।


सिद्दीकी की अंतिम मंजूरी


एजेंसी ने यह भी कहा कि अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख के रूप में, सभी महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णयों की अंतिम मंजूरी सिद्दीकी द्वारा दी जाती थी और वे इस कथित स्कैम के मास्टरमाइंड हैं। ED ने अदालत में कहा कि सिद्दीकी से पूछताछ आवश्यक है ताकि पूरी मनी ट्रेल का पता लगाया जा सके, जो ₹415 करोड़ से अधिक हो सकती है।


सिद्दीकी का बचाव

झूठे मामलों का आरोप


सिद्दीकी के वकील ने कहा कि उन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया है। उन्होंने ED की मांग का विरोध करते हुए कहा कि उनका मुवक्किल जांच में सहयोग कर रहा है, इसलिए लंबी कस्टडी की आवश्यकता नहीं है। यदि कस्टडी दी जानी है, तो इसे 7 दिन तक सीमित किया जाए।


कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि PMLA के तहत गिरफ्तारी की सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। मामला गंभीर है और जांच प्रारंभिक चरण में है, इसलिए ED को कस्टोडियल इंटरोगेशन की आवश्यकता है।


कोर्ट ने 14 दिन की बजाय 13 दिन की कस्टडी दी और निर्देश दिया कि सिद्दीकी को 1 दिसंबर 2025 को फिर से पेश किया जाए। यह सुनवाई देर रात से लेकर तड़के तक चली, जो इस मामले की गंभीरता को दर्शाती है। अब ED की जांच पूरी मनी ट्रेल और कथित धोखाधड़ी की परतें खोलने पर केंद्रित होगी।