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अलवर में कांवड़ यात्रा के दौरान हाईटेंशन लाइन से हादसा, दो की मौत

अलवर जिले के बिचगांवा गांव में सावन की कांवड़ यात्रा के दौरान एक भयानक हादसा हुआ, जिसमें दो कांवड़ियों की जान चली गई और 32 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। यह घटना तब हुई जब कांवड़ियों का रथ हाईटेंशन बिजली लाइन की चपेट में आ गया। मृतकों में एक युवक की शादी हाल ही में हुई थी। ग्रामीणों ने मुआवजे और कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क जाम कर दी। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है।
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अलवर में कांवड़ यात्रा के दौरान हाईटेंशन लाइन से हादसा, दो की मौत

सावन की कांवड़ यात्रा में दुखद घटना

बुधवार को अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र के बिचगांवा गांव में सावन की कांवड़ यात्रा एक भयानक हादसे में बदल गई। हरिद्वार से लौट रहे कांवड़ियों का रथ 11 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया, जिससे दो कांवड़ियों की जान चली गई और 32 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। मृतकों में से एक युवक की शादी केवल चार महीने पहले हुई थी, और यह उसकी पहली कांवड़ यात्रा थी.


स्वागत समारोह के दौरान हुआ हादसा

कांवड़ यात्रा के दौरान बिचगांवा गांव के बस स्टैंड के पास एक स्वागत समारोह का आयोजन किया गया था। कांवड़ियों का एक समूह रथ पर सवार होकर मिश्री वाले मंदिर की ओर बढ़ रहा था, तभी लोहे का रथ सड़क पर खड़ी एक पिकअप से टकरा गया, जो एक लोहे के पोल के नीचे थी। यह पोल ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन बिजली लाइन से टकरा गया, जिससे पूरे रथ और पिकअप में करंट फैल गया। इस घटना के बाद रथ पर सवार कांवड़िए एक-एक कर गिरने लगे और चीख-पुकार मच गई।


मृतकों की पहचान और परिवार की स्थिति

हादसे में जिन दो युवकों की जान गई, उनकी पहचान सुरेश चंद्र प्रजापत (35 वर्ष) और गोपाल प्रजापत (22 वर्ष) के रूप में हुई है। गोपाल की शादी 1 मार्च को हुई थी और यह उसकी पहली कांवड़ यात्रा थी। उसकी पत्नी भी उसके स्वागत के लिए आई थी, लेकिन उसे अपने पति की मौत की खबर मिली। गोपाल आईटीआई का छात्र था और उसके दो छोटे भाई स्कूल में पढ़ते हैं।


घायलों की स्थिति

सुरेश चंद्र भी पहली बार कांवड़ यात्रा पर गए थे। वह मिट्टी के बर्तन बनाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे और उनके तीन छोटे बच्चे हैं। हादसे में झुलसे 32 लोगों में 21 महिलाएं, 8 पुरुष और 3 बच्चे शामिल हैं। इनमें से 6 को गढ़ी सवाईराम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से अलवर रेफर किया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, सभी घायलों की स्थिति अब स्थिर है।


ग्रामीणों का आक्रोश

घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला। बिचगांवा बस स्टैंड पर ग्रामीणों ने चार घंटे तक सड़क जाम कर दी। उन्होंने 50 लाख रुपये मुआवजा, दोषी बिजली विभाग के कर्मचारियों पर कार्रवाई, मृतकों के परिजनों को नौकरी और बिजली लाइनों को भूमिगत करने की मांग की। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमति बनी।


मृतकों के परिजनों को सहायता

जिला कलेक्टर आर्तिका शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत दोनों मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और जयपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से अतिरिक्त 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। घायलों को भी नियमानुसार मदद दी जाएगी।


जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए लक्ष्मणगढ़ के जूनियर इंजीनियर दिनेश सिंह जाट और टेक्निकल असिस्टेंट सोनू को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही मामले की जांच के आदेश भी दिए गए हैं। घटना की जानकारी मिलते ही वन राज्यमंत्री संजय शर्मा, विधायक मांगे लाल मीणा, रैणी एसडीएम हरकेश मीणा और तहसीलदार कैलाश मेहरा ने घायलों से मुलाकात कर चिकित्सा सेवाओं की समीक्षा की।