अहमदाबाद में विवादास्पद पोस्टर: महिलाओं को घर पर रहने की सलाह

अहमदाबाद ट्रैफिक पुलिस का विवादास्पद अभियान
नई दिल्ली - अहमदाबाद ट्रैफिक पुलिस द्वारा लगाए गए पोस्टरों ने एक नई बहस को जन्म दिया है। इन पोस्टरों में महिलाओं को बलात्कार से बचने के लिए घर पर रहने की सलाह दी गई है। यह संदेश ट्रैफिक पुलिस की ओर से शहर के विभिन्न स्थानों पर चिपकाए गए पोस्टरों के माध्यम से दिया गया है।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर इस तरह के अभियान ने विवाद उत्पन्न कर दिया है। इन पोस्टरों में लिखा गया है कि ‘देर रात पार्टी में न जाएं, आपके साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार हो सकता है।’ इसके अलावा, ‘अपने दोस्त के साथ अंधेरे और सुनसान इलाके में न जाएं, अगर उसके साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार हो गया तो?’ ये पोस्टर सोला और चांदलोडिया क्षेत्रों में सड़क डिवाइडर पर लगाए गए थे, जिन्हें अब हटा दिया गया है।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम यातायात) नीता देसाई ने स्पष्ट किया कि ट्रैफिक पुलिस ने केवल सड़क सुरक्षा से संबंधित पोस्टरों को प्रायोजित किया था, न कि महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े पोस्टरों को। उन्होंने कहा कि ‘सतर्कता ग्रुप’ नामक एक एनजीओ ने बिना अनुमति के विवादास्पद पोस्टर बनाए और लगाए। देसाई ने बताया कि एनजीओ ने ट्रैफिक जागरूकता कार्यक्रम के लिए संपर्क किया था और केवल यातायात से संबंधित पोस्टर दिखाए थे। जैसे ही हमें इन विवादास्पद पोस्टरों के बारे में पता चला, हमने इन्हें तुरंत हटवा दिया।
इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है। आप ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘गुजरात में महिलाओं के सशक्तीकरण की बात करने वाली भाजपा सरकार की वास्तविकता कुछ और ही है। पिछले तीन वर्षों में राज्य में 6,500 से अधिक बलात्कार और 36 से अधिक सामूहिक बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं। औसतन हर दिन पांच से अधिक बलात्कार होते हैं।’