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अहमदाबाद रथ यात्रा में हाथी के बेकाबू होने से मची अफरा-तफरी

अहमदाबाद में रथ यात्रा के दौरान एक नर हाथी के बेकाबू होने से अफरा-तफरी मच गई, लेकिन प्रशासन ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया। राहत की बात यह रही कि कोई घायल नहीं हुआ। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की अहमियत को उजागर किया। जानें इस धार्मिक परंपरा के बारे में और कैसे समय पर उपायों ने एक बड़े हादसे को टाल दिया।
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अहमदाबाद रथ यात्रा में हाथी के बेकाबू होने से मची अफरा-तफरी

अहमदाबाद में रथ यात्रा के दौरान हाथी का बेकाबू होना

अहमदाबाद: शुक्रवार सुबह खाडिया के देसाई नी पोल क्षेत्र में रथ यात्रा के दौरान अचानक एक नर हाथी बेकाबू हो गया, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। यह हाथी 18 हाथियों के समूह में अकेला था और अचानक भीड़ की ओर दौड़ने लगा।


कमला नेहरू प्राणी उद्यान के अधीक्षक आर.के. साहू ने बताया कि जैसे ही हाथी का व्यवहार असामान्य हुआ, उसे तुरंत ट्रैंकुलाइजर दिया गया। इसके साथ ही, दो मादा हाथियों की सहायता से उसे धीरे-धीरे भीड़ से दूर किया गया। यह कार्रवाई पहले से निर्धारित सुरक्षा योजना का हिस्सा थी।




स्थिति को समय पर नियंत्रित किया गया

हालांकि वहां मौजूद लोगों में थोड़ी घबराहट थी, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया। राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी को चोट नहीं आई। बेकाबू हाथी को अब आइसोलेशन में रखा गया है और वह आगे की शोभायात्रा में शामिल नहीं होगा। वहीं, बाकी 17 मादा हाथी शांति से यात्रा जारी रखीं।


अहमदाबाद की रथ यात्रा का महत्व

अहमदाबाद की रथ यात्रा गुजरात की प्रमुख धार्मिक परंपराओं में से एक मानी जाती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की रथ यात्रा के साथ हाथियों, रथों और झांकियों का भव्य प्रदर्शन होता है।


इस प्रकार के आयोजनों में बड़ी संख्या में लोग और जानवर एक साथ होते हैं, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को बहुत सख्त रखा जाता है। लेकिन शुक्रवार की घटना ने यह दिखा दिया कि थोड़ी सी चूक से बड़ा हादसा हो सकता था, जिसे समय पर टाल दिया गया।