अहमदाबाद विमान दुर्घटना: तकनीकी खामियों ने 241 जिंदगियों को लील लिया

अहमदाबाद विमान दुर्घटना का रहस्य
अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की दुर्घटना ने देश को हिलाकर रख दिया है। 12 जून को हुए इस हादसे में 242 यात्रियों में से केवल एक व्यक्ति ही बच पाया। भारतीय वायुसेना के सेवानिवृत्त विंग कमांडर एसडी विज ने इस घटना के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की।
तकनीकी विश्लेषण
विंग कमांडर विज ने बताया कि ड्रीमलाइनर के दोनों इंजन का एक साथ फेल होना अत्यंत दुर्लभ है। कूलेंट सिस्टम में रुकावट या ईंधन लाइन में ब्लॉकेज के कारण इंजन ओवरहीट हो सकता है, जिससे इंजन ब्लॉक में दरार आ सकती है।
विमान टेकऑफ के बाद केवल 825 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा। लैंडिंग गियर नीचे था और इंजन ने थ्रस्ट खो दिया। पायलट ने संभवतः गलत टेकऑफ कॉन्फिगरेशन लिया। मेडे कॉल के बावजूद, पायलट को स्थिति संभालने का समय नहीं मिला। यह हादसा तकनीकी और मानव त्रुटियों का परिणाम हो सकता है।
ऐतिहासिक उदाहरण
विंग कमांडर ने दो ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख किया। 2009 में हुए 'मिरेकल ऑन द हडसन' हादसे में, यूएस एयरवेज की उड़ान 1549 के दोनों इंजन पक्षियों से टकराने के बाद बंद हो गए, लेकिन पायलट ने विमान को सुरक्षित उतारा। दूसरी घटना एयर ट्रान्जाट फ्लाइट 236 की है, जहां ईंधन रिसाव के कारण इंजन बंद हुए, फिर भी विमान सुरक्षित लैंड हुआ।
ड्रीमलाइनर हादसा इनसे भिन्न है, क्योंकि यहां विमान को बचाने का कोई अवसर नहीं मिला। दोनों इंजन का फेल होना असामान्य है। तकनीकी खामियां और परिस्थितियां इस हादसे को जटिल बनाती हैं।
ब्लैक बॉक्स की भूमिका
हादसे की जांच के लिए ब्लैक बॉक्स मिल गया है, जो 1400 डिग्री तक का तापमान सहन कर सकता है। हालांकि, विमान में आग लगने से ब्लैक बॉक्स को नुकसान पहुंचा हो सकता है।
विंग कमांडर विज का कहना है कि ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण हादसे के कारणों को स्पष्ट करेगा। यह पायलट के निर्णय, इंजन की स्थिति और उड़ान के अंतिम क्षणों की जानकारी प्रदान करेगा। जांच पूरी होने तक सटीक कारणों का पता नहीं चल पाएगा। यह घटना विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है।