अहमदाबाद विमान हादसा: एक परिवार की नई शुरुआत का अंत

एक दुखद यात्रा की कहानी
12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 का हादसा अहमदाबाद में हुआ, जिसने भारतीय हवाई यात्रा के इतिहास को हिला कर रख दिया। यह घटना एक परिवार के लिए एक त्रासदी बन गई, जो नई शुरुआत की उम्मीद लेकर यात्रा पर निकला था। उदयपुर के पैसिफिक अस्पताल में कार्यरत डॉ. कोमी व्यास ने हाल ही में अपनी नौकरी छोड़कर अपने तीन बच्चों के साथ लंदन में अपने पति डॉ. प्रतीक जोशी के पास जाने का निर्णय लिया था। डॉ. जोशी कुछ समय पहले लंदन चले गए थे और इस हफ्ते की शुरुआत में परिवार को अपने साथ ले जाने के लिए बांसवाड़ा लौटे थे। उनके जुड़वां बेटे नकुल और प्रद्युत पांच साल के थे, जबकि उनकी बेटी मिराया आठ साल की थी.
एक सेल्फी की यादें
एक सेल्फी बनीं आखिरी यादगार
अहमदाबाद में हुए इस भीषण विमान हादसे के मलबे में एक फोन दबा हुआ है, जो इस परिवार का है। यह फोन शायद कभी न मिले या आग में जलकर राख हो जाए, लेकिन इसके द्वारा खींची गई एक सेल्फी उस त्रासदी की याद दिलाती रहेगी। यह फोटो उस नई शुरुआत का प्रतीक थी, जिसमें कोमी व्यास अपने बच्चों के साथ मुस्कुराते हुए दिखाई दे रही थीं।
डॉ. जोशी द्वारा ली गई सेल्फी में वे और उनकी पत्नी एक तरफ बैठे हुए मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि उनके बच्चे गलियारे के दूसरी तरफ बैठे हैं। बच्चे कैमरे के सामने मुस्कुराने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि उनकी बड़ी बहन भी मुस्कुरा रही है.
परिवार की पृष्ठभूमि
कुछ समय पहले ही लंदन गए थे जोशी
परिवार के करीबी लोगों के अनुसार, डॉ. कोमी व्यास और डॉ. प्रतीक जोशी दोनों उदयपुर के पैसिफिक अस्पताल में कार्यरत थे। डॉ. जोशी हाल ही में लंदन चले गए थे और परिवार को अपने साथ ले जाने के लिए बांसवाड़ा लौटे थे। उनके जुड़वां बेटे और बेटी के बारे में बताया गया कि वे बेहद खुश थे।
पेसिफिक अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा, "कोमी हाल ही में अपनी नौकरी छोड़कर लंदन में अपने पति के पास चली गई थीं।" पड़ोसियों ने बताया कि डॉ. जोशी के पिता एक प्रसिद्ध रेडियोलॉजिस्ट हैं, जबकि कोमी के पिता लोक निर्माण विभाग में अधिकारी थे.
हादसे का विवरण
हादसे की भयावहता
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद मेघानी नगर क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकरा गई। इस भीषण हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से अधिकांश की मृत्यु हो गई।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विमान में एक लाख लीटर से अधिक ईंधन था और तापमान इतना अधिक था कि किसी को बचाने का कोई अवसर नहीं था। आग की भीषणता ने बचाव कार्यों को अत्यंत कठिन बना दिया।
प्रधानमंत्री की संवेदनाएं
प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी को "शब्दों से परे हृदय विदारक" बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "अहमदाबाद में हुई त्रासदी ने हमें स्तब्ध और दुखी कर दिया है। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं।" उन्होंने संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों को राहत और सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।
जांच और राहत कार्य
जांच और राहत कार्य
बचाव दल ने विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है, जो हादसे के कारणों का पता लगाने में मदद करेगा। राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाए गए हैं। अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने रोगी देखभाल के लिए दो आपातकालीन नंबर जारी किए हैं। इसके अलावा, गुजरात सरकार ने एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।