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अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान की दुर्घटना में एक यात्री की चमत्कारी बचत

12 जून 2025 को एयर इंडिया का विमान AI-171 अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में केवल एक यात्री, विश्वास कुमार रमेश, जीवित बचे। उनकी चमत्कारी बचत की कहानी ने सभी को चकित कर दिया। जानें कैसे उन्होंने अपनी जान बचाई और इस दुर्घटना ने विमान सुरक्षा के महत्व को कैसे उजागर किया।
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अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान की दुर्घटना में एक यात्री की चमत्कारी बचत

दुर्घटना का विवरण

12 जून 2025 को, एयर इंडिया का विमान AI-171, जो अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे। इस हादसे में केवल एक यात्री, विश्वास कुमार रमेश, जीवित बचे।


विश्वास कुमार, 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक, विमान में सीट 11A पर बैठे थे, जो आपातकालीन निकासी द्वार के निकट थी। उड़ान भरने के लगभग 30 सेकंड बाद, विमान में तेज आवाज आई और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। होश में आने पर, विश्वास ने देखा कि उनके चारों ओर शव पड़े हुए थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आपातकालीन निकासी द्वार की ओर बढ़े।


विश्वास कुमार की बचने की कहानी ने सभी को चकित कर दिया। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के बाद वह खुद चलकर एंबुलेंस तक पहुंचे। उनका मानना है कि यह भगवान का चमत्कार था कि वह बच गए, हालांकि इस हादसे में उनके भाई अजय कुमार रमेश की मृत्यु हो गई।


विशेषज्ञों का मानना है कि विश्वास कुमार की जान बचने का कारण उनकी सीट का स्थान हो सकता है। आपातकालीन निकासी द्वार के पास बैठने से उन्हें जल्दी बाहर निकलने का मौका मिला। विमान की नाक के ऊपर की ओर झुकी होने के कारण, पीछे का हिस्सा सबसे अधिक प्रभावित हुआ, जिससे अधिकांश यात्री घायल या मृत हो गए।


यह दुर्घटना विमान सुरक्षा की महत्ता को एक बार फिर उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि विमान के सभी सिस्टम और उपकरणों की नियमित जांच और मेंटेनेंस से ऐसे हादसों को रोका जा सकता है। इसके अलावा, पायलटों और चालक दल के सदस्यों को भी नियमित प्रशिक्षण और अपडेटेड जानकारी प्रदान करना आवश्यक है।


विश्वास कुमार रमेश की चमत्कारी बचाव की कहानी यह दर्शाती है कि कभी-कभी परिस्थितियाँ इतनी विपरीत होती हैं कि केवल भाग्य ही किसी की जान बचा सकता है।