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आंध्र प्रदेश में संपत्ति रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए 'ऑटो म्यूटेशन' प्रणाली की शुरुआत

आंध्र प्रदेश सरकार ने संपत्ति के हस्तांतरण और भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करने के लिए 'ऑटो म्यूटेशन' प्रणाली की शुरुआत की है। यह नई प्रणाली संपत्ति के पंजीकरण के तुरंत बाद स्वामित्व रिकॉर्ड को स्वचालित रूप से अपडेट करेगी, जिससे नागरिकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इस पहल से पारदर्शिता बढ़ेगी, धोखाधड़ी में कमी आएगी, और कानूनी विवादों में भी कमी आएगी। जानें इस प्रणाली के अन्य लाभ और इसके पीछे का उद्देश्य।
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आंध्र प्रदेश में संपत्ति रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए 'ऑटो म्यूटेशन' प्रणाली की शुरुआत

आंध्र प्रदेश में संपत्ति के रिकॉर्ड को अपडेट करने की नई प्रणाली

आंध्र प्रदेश सरकार ने संपत्ति के हस्तांतरण और भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 'ऑटो म्यूटेशन' प्रणाली के लागू होने से संपत्ति के पंजीकरण के तुरंत बाद स्वामित्व रिकॉर्ड अपने आप अपडेट हो जाएंगे। यह पहल नागरिकों के लिए राहत का कारण बनेगी और राज्य में सुशासन और डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को भी सशक्त बनाएगी।


ऑटो म्यूटेशन क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों है? 'म्यूटेशन' या दाखिल-खारिज वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से संपत्ति के स्वामित्व में बदलाव को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है। पहले यह प्रक्रिया जटिल और भ्रष्टाचार से भरी होती थी। संपत्ति खरीदने के बाद, खरीदार को अपने नाम पर रिकॉर्ड अपडेट कराने के लिए कई बार राजस्व विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे, जिससे महीनों लग जाते थे। इस देरी के कारण भूमि विवाद और कानूनी समस्याएं उत्पन्न होती थीं।


'ऑटो म्यूटेशन' के तहत, जैसे ही संपत्ति का पंजीकरण उप-पंजीयक कार्यालय में सफलतापूर्वक होता है, भूमि रिकॉर्ड में स्वामित्व का परिवर्तन अपने आप दर्ज हो जाएगा। इससे दाखिल-खारिज के लिए अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रक्रिया अब मिनटों में पूरी हो जाएगी।


'ऑटो म्यूटेशन' के लाभ: प्रक्रिया की सरलता और गति: नागरिकों को बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, जिससे समय और ऊर्जा की बचत होगी। संपत्ति का मालिक तुरंत अपने स्वामित्व की कानूनी पुष्टि प्राप्त कर सकेगा।


पारदर्शिता में वृद्धि: प्रक्रिया स्वचालित होने से मानवीय हस्तक्षेप कम होगा, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना घट जाएगी। हर चरण पर निगरानी रखी जा सकेगी।


धोखाधड़ी पर अंकुश: त्वरित और सटीक रिकॉर्ड अपडेट होने से फर्जीवाड़ा और अवैध कब्जे की संभावना कम हो जाएगी।


ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस: संपत्ति लेनदेन की प्रक्रियाओं का आसान होना राज्य में व्यापार और निवेश के माहौल को बेहतर बनाएगा।


कानूनी विवादों में कमी: अद्यतन भूमि रिकॉर्ड से संपत्ति से जुड़े कानूनी विवादों में कमी आएगी।


सरकारी दक्षता में सुधार: राजस्व विभाग के कर्मचारियों का समय मैनुअल काम से बचेगा।


आर्थिक विकास को बढ़ावा: स्पष्ट स्वामित्व से लोग अपनी संपत्तियों पर आसानी से ऋण ले सकेंगे।


वाईएसआर जगन्नाथ भूमि सुरक्षा पथकम जैसी पहलों और 'ऑटो म्यूटेशन' प्रणाली का कार्यान्वयन, आंध्र प्रदेश सरकार की नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कदम राज्य में डिजिटल भूमि रिकॉर्ड को मजबूत करने और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।