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आगरा में बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री की धर्मसभा रद्द: जानें क्या हुआ?

आगरा में बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री की धर्मसभा को अचानक रद्द कर दिया गया। प्रशासन ने सुरक्षा चिंताओं के चलते यह निर्णय लिया, क्योंकि कार्यक्रम के लिए निर्धारित संख्या से कहीं अधिक लोग इकट्ठा हो गए थे। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और श्रद्धालुओं की निराशा के बारे में।
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आगरा में बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री की धर्मसभा रद्द: जानें क्या हुआ?

धर्मसभा का आयोजन रद्द

Pandit Dhirendra Shastri: आगरा, उत्तर प्रदेश में शनिवार को बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री की धर्मसभा को अंतिम समय में रद्द कर दिया गया। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कथा का आरंभ दोपहर एक बजे होना था, लेकिन एक घंटे पहले ही प्रशासन ने इसकी अनुमति को निरस्त कर दिया। आयोजकों ने भी इस कार्यक्रम के रद्द होने की पुष्टि की है।


भीड़ के कारण सुरक्षा चिंताएँ

भारी भीड़ से बिगड़ सकती थी स्थिति


पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि आयोजन के लिए लगभग दो हजार लोगों को अनुमति दी गई थी। लेकिन कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही 10,000 से अधिक लोग स्थल पर इकट्ठा हो गए थे। ग्वालियर, भिंड, मुरैना और आस-पास के जिलों से लोग लगातार आ रहे थे। अचानक बढ़ी भीड़ के कारण कानून-व्यवस्था और सुरक्षा में समस्या उत्पन्न होने की आशंका थी। इसी वजह से प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अनुमति रद्द कर दी। पुलिस ने इस निर्णय की जानकारी आयोजकों और बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को दी, साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय को भी सूचित किया गया।


स्थान परिवर्तन की कहानी

पहले भी बदला गया था स्थान


यह ध्यान देने योग्य है कि शुक्रवार को भी मौसम ने कार्यक्रम की तैयारियों पर असर डाला था। भारी बारिश के कारण कथा स्थल को बदलना पड़ा। धर्मसभा पहले तारघर मैदान में आयोजित होने वाली थी, लेकिन खराब मौसम के कारण इसे फतेहाबाद रोड स्थित राजदेवम में स्थानांतरित किया गया था। यहां मंचन, पंडाल और बैठने की पूरी व्यवस्था की गई थी।


श्रद्धालुओं की निराशा

आखिरी समय पर रद्द हुआ कार्यक्रम


शनिवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री को दोपहर एक बजे राजदेवम पहुंचना था। वहां पहले से हजारों लोग उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी बीच सूचना दी गई कि कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। अचानक आए इस फैसले से श्रद्धालुओं में निराशा फैल गई, क्योंकि कई लोग दूर-दूर से कथा सुनने आए थे।


प्रशासन का निर्णय

प्रशासन का तर्क


अधिकारियों का कहना है कि भीड़ की संख्या अपेक्षा से कहीं अधिक हो गई थी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया। यदि कार्यक्रम शुरू होता तो अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। ऐसे में आम जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए धर्मसभा को रद्द करना सबसे उचित निर्णय माना गया।