आजमगढ़ में मुठभेड़ में एक लाख रुपये का इनामी बदमाश ढेर

आजमगढ़ मुठभेड़ की जानकारी
आजमगढ़ मुठभेड़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और स्थानीय पुलिस ने एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन में एक लाख रुपये के इनामी अपराधी शंकर कनौजिया को मुठभेड़ में मार गिराया। शंकर को पूर्वांचल के कुख्यात अपराधियों में से एक माना जाता था, जिसके खिलाफ हत्या, लूट और अपहरण जैसे गंभीर आरोप थे।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, वाराणसी एसटीएफ को सूचना मिली थी कि शंकर कनौजिया अपने गिरोह के साथ जहानागंज थाना क्षेत्र में किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने इलाके में घेराबंदी की। गिरफ्तारी के प्रयास के दौरान, शंकर ने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ और पुलिस ने भी फायरिंग की, जिससे शंकर गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शंकर का आपराधिक इतिहास
शंकर का आपराधिक इतिहास
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने 9 एमएम कार्बाइन, 9 एमएम पिस्टल, एक खुखरी और बड़ी संख्या में जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस का कहना है कि शंकर लगातार फरार रहकर अपने गैंग के साथ आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त था। शंकर का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। वर्ष 2011 में, उसने दोहरीघाट क्षेत्र में लूट के दौरान विंध्याचल पांडे की हत्या की थी। इसके बाद से वह पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। इसके अतिरिक्त, जुलाई 2024 में, उसने महाराजगंज जिले के शैलेंद्र सिंह का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी, जिसमें सिंह का धड़ और सिर अलग कर दिया गया था। इस घटना के बाद पुलिस ने शंकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
गिरोह की सक्रियता
गिरोह पूर्वांचल क्षेत्र में सक्रिय
पुलिस के अनुसार, शंकर और उसका गिरोह पूर्वांचल क्षेत्र में सक्रिय थे, और कई जिलों की पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई थी। उसके आतंक के कारण लोग उसके नाम से भयभीत थे। अब एसटीएफ की कार्रवाई से पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। अधिकारियों का कहना है कि अपराधियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।