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आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ी: जानें क्या है नया नियम

आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है। यह सुविधा उन करदाताओं के लिए है जिनके खातों का ऑडिट अनिवार्य नहीं है। पहले यह तिथि 7 सितंबर थी, लेकिन कम दाखिलियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। पेशेवर निकायों ने तकनीकी समस्याओं और अनुपालन दबाव के कारण समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी। जानें इस संबंध में और क्या जानकारी है और करदाताओं को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ी: जानें क्या है नया नियम

आयकर विभाग की नई घोषणा

आयकर रिटर्न दाखिल करने की नई तिथि: आयकर विभाग ने करदाताओं को एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया है। यह सुविधा केवल उन करदाताओं के लिए है जिनके खातों का ऑडिट अनिवार्य नहीं है। पहले यह तिथि 7 सितंबर निर्धारित की गई थी, लेकिन कम दाखिलियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।


सत्यापित रिटर्न की संख्या

अब तक 3.35 करोड़ रिटर्न हुए संसाधित


आयकर पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, अभी भी कई करदाता रिटर्न दाखिल करने में पीछे हैं। 7 सितंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, पोर्टल पर पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 13.35 करोड़ है, जबकि आकलन वर्ष 2025-26 के लिए अब तक 4.89 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए हैं। इनमें से 4.83 करोड़ रिटर्न सफलतापूर्वक जमा हुए हैं, जिनमें से लगभग 4.63 करोड़ सत्यापित हो चुके हैं। विभाग ने बताया कि अब तक 3.35 करोड़ सत्यापित रिटर्न संसाधित किए जा चुके हैं।


समय सीमा बढ़ाने की मांग

व्यापारिक संगठनों और पेशेवर निकायों ने समय सीमा बढ़ाने की लगातार मांग की थी। उनका कहना है कि इस वर्ष तकनीकी समस्याओं और अनुपालन संबंधी दबाव के कारण करदाताओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन, सूरत (CAAS) और फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FKCCI) ने समय सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि आईटीआर उपयोगिताएं देर से उपलब्ध कराई गईं और पोर्टल में कई बार गड़बड़ियां आईं।


अंतिम तिथि बढ़ाने का अनुरोध

बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसाइटी का पत्र


बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसाइटी (BCAS) ने भी 1 सितंबर को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को पत्र लिखकर अंतिम तिथि बढ़ाने का अनुरोध किया था। संगठन ने कहा कि टैक्स ऑडिट और ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा भी बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि पोर्टल की तकनीकी खामियों और अतिरिक्त अनुपालन जिम्मेदारियों ने रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को जटिल बना दिया है।


करदाताओं की समस्याएं

पेशेवर निकायों के अनुसार, इस साल करदाताओं को जिन मुख्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उनमें शामिल हैं – पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें, सीमित तैयारी अवधि, एआईएस, टीआईएस और फॉर्म 26एएस में विसंगतियां और अनुपालन दायित्व का बोझ।


हालांकि, कर विभाग ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान समय सीमा केवल उन्हीं करदाताओं पर लागू होगी जिनके खातों का ऑडिट आवश्यक नहीं है। अन्य श्रेणियों के लिए तिथि में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है। विभाग ने करदाताओं से अपील की है कि वे समय पर रिटर्न दाखिल करें और अंतिम समय की परेशानियों से बचें।