आरबीआई की MPC बैठक: क्या घटेगा रेपो रेट और सस्ती होंगी ईएमआई?
आरबीआई MPC बैठक की शुरुआत
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज से अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक शुरू कर दी है। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लिए जाएंगे, जिसमें रेपो रेट में बदलाव का मुद्दा भी शामिल है। अंतिम घोषणा 5 दिसंबर को की जाएगी।
क्या रेपो रेट में कटौती की उम्मीद है?
विभिन्न रिपोर्टों और बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, इस बैठक में आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती की संभावना जताई जा रही है। अनुमान है कि केंद्रीय बैंक 0.25% की कमी कर सकता है, जिससे रेपो रेट 5.50% से घटकर 5.25% हो जाएगा। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि 5 दिसंबर को होगी।
रेपो रेट का ऐतिहासिक ट्रेंड
तारीख और रेपो रेट में बदलाव:
7 फरवरी: 6.25% -0.25%
9 अप्रैल: 6.00% -0.25%
6 जून: 5.50% -0.50%
अगस्त: 5.50% कोई बदलाव नहीं
1 अक्टूबर: 5.50% कोई बदलाव नहीं
रेपो रेट क्या है?
रेपो रेट वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से अल्पकालिक ऋण लेते हैं। आरबीआई हर दो महीने में रेपो रेट और अन्य मौद्रिक नीतियों पर निर्णय लेने के लिए MPC की बैठक करता है।
रेपो रेट में कटौती का प्रभाव
यदि रेपो रेट कम किया जाता है: बैंकों को कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त होता है, जिससे ग्राहकों को सस्ते ऋण मिल सकते हैं। इससे होम लोन, कार लोन और व्यक्तिगत ऋण की ईएमआई में कमी आ सकती है।
यदि रेपो रेट बढ़ाया जाता है: बैंकों के लिए उधार लेना महंगा हो जाता है, और वे ग्राहकों पर अधिक ब्याज दरों और ईएमआई का बोझ डाल सकते हैं।
