आरबीआई की नई नीति से गोल्ड लोन कंपनियों में उछाल

आरबीआई की महत्वपूर्ण घोषणा
6 जून 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसने गोल्ड लोन कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल ला दिया. उन्होंने कहा कि 2.5 लाख रुपये तक के छोटे गोल्ड लोन के लिए लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) अनुपात को 75% से बढ़ाकर 85% किया जाएगा. इस फैसले से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अधिक लचीलापन मिलेगा, जिसके परिणामस्वरूप मुथूट फाइनेंस, मणप्पुरम फाइनेंस और आईआईएफएल फाइनेंस जैसे गोल्ड लोन प्रदाताओं के शेयरों में 2 से 7 प्रतिशत की तेजी देखी गई. आइए इस घोषणा के प्रभाव और महत्व को विस्तार से समझते हैं.
एलटीवी अनुपात का महत्व
एलटीवी (लोन-टू-वैल्यू) अनुपात यह दर्शाता है कि आपके द्वारा गिरवी रखे गए सोने की कीमत के आधार पर आपको कितना ऋण मिल सकता है. उदाहरण के लिए, यदि आपके सोने की कीमत 1 लाख रुपये है, तो 75% एलटीवी पर आपको 75,000 रुपये का ऋण मिलता था. अब, 85% एलटीवी के साथ, उसी सोने के लिए 85,000 रुपये तक का ऋण मिल सकता है. यह बढ़ोतरी छोटे उधारकर्ताओं के लिए ज्यादा धन उपलब्ध कराएगी, जिससे उनकी वित्तीय जरूरतें पूरी करना आसान होगा.
गोल्ड लोन स्टॉक्स में तेजी
गोल्ड लोन स्टॉक्स में तेजी
आरबीआई की इस घोषणा के बाद, गोल्ड लोन कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया. मुथूट फाइनेंस के शेयर 7% तक बढ़कर 2,450.40 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए, जबकि पिछले दिन यह 2,294.60 रुपये पर बंद हुआ था. इसी तरह, मणप्पुरम फाइनेंस के शेयर 5% से अधिक बढ़कर 248.46 रुपये पर पहुंच गए, जो दिन की शुरुआत में 234.84 रुपये था. आईआईएफएल फाइनेंस के शेयरों में भी 5% तक की वृद्धि दर्ज की गई. इस तेजी से इन कंपनियों के निवेशकों का भरोसा बढ़ा है.
नए नियमों का सकारात्मक प्रभाव
नए नियमों का सकारात्मक प्रभाव
पहले के मसौदा दिशानिर्देशों में सभी गोल्ड लोन के लिए एलटीवी को 75% पर सीमित करने का प्रस्ताव था, जो बैंकों और एनबीएफसी दोनों पर लागू होता. लेकिन नए नियमों ने छोटे ऋणों के लिए इस सीमा को बढ़ाकर 85% कर दिया, जिससे एनबीएफसी को एक ही सोने के बदले ज्यादा ऋण देने की सुविधा मिलेगी.