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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर वर्कशॉप का आयोजन

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने रांची में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के उपयोग पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों ने सुरक्षा, उत्पादकता और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सुधार के लिए इन तकनीकों के महत्व पर जोर दिया। कार्यशाला ने तकनीकी भागीदारों की भागीदारी के साथ ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाने और लागत को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संभावनाओं को उजागर किया।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर वर्कशॉप का आयोजन

वर्कशॉप का उद्देश्य और उद्घाटन

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के इनहाउस कंसल्टेंट, सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ने रांची के सेल सैटेलाइट टाउनशिप में इस्पात एग्जीक्यूटिव हॉस्टल में एक दिवसीय तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया। इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य यह समझना था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग कैसे सेल के संचालन में उत्पादकता, सुरक्षा और निर्णय लेने की प्रक्रिया को बेहतर बना सकते हैं।


कार्यक्रम का उद्घाटन मनीष राज गुप्ता, डायरेक्टर (टेक्निकल, प्रोजेक्ट्स और रॉ मटेरियल्स) ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में ग्राहक संतोष, व्यापार में आसानी और डिजिटल परिवर्तन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने से सुरक्षा, कर्मचारियों की भलाई और लागत में कमी सुनिश्चित होनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने प्रतिनिधियों को व्यवहारिक और मूल्य वर्धित अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया।


प्रतिनिधियों का स्वागत और तकनीकी प्रगति

संजय कुमार, सी.जी.एम.- सेट ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और अपने स्वागत भाषण में इस वर्कशॉप की महत्वता पर जोर दिया। उन्होंने तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने और भविष्य के लिए तैयार क्षमताओं को मजबूत करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर चर्चा की। ई.डी, सेट एस.के. वर्मा ने लागत मूल्यांकन, प्रोजेक्ट योजना, ड्राइंग-कंटेंट एक्सट्रैक्शन और समय पर डिलीवरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग पर जोर दिया।


उन्होंने कहा कि भले ही वैश्विक सफलता दर अभी भी कम है, लेकिन इसे तेजी से और प्रभावी तरीके से अपनाने से सेल को काफी लाभ हो सकता है।


टेक्नोलॉजी पार्टनर्स की भागीदारी

इस कार्यक्रम में दीपक जैन, ई.डी. एस.डी.टी.डी., मुख्य महाप्रबंधक सुनील गुप्ता, अनिल कुमार मिस्त्री, नीलेश सिन्हा, जितेंद्र सलूजा, एसके दास, तपस मोहंती, सलिल भट्टाचार्जी और एस.पी. दास जैसे वरिष्ठ कार्यकारी उपस्थित थे। वर्कशॉप में विभिन्न विभागों, सेल संयंत्र, मेकॉन और अन्य तकनीकी भागीदारों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।


सीमेंस, माइक्रोसॉफ्ट, श्नाइडर इलेक्ट्रिक, इंटरसेक्टआईक्यू, रिपिक.एआई, इनफिसविफ्ट टेक्नोलॉजीज, रिंच सॉल्यूशंस, मोश टेक्नोलॉजी, रॉकवेल ऑटोमेशन, फीनिक्स कॉन्टैक्ट और प्रमा हिकविजन जैसे तकनीकी भागीदारों ने प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस, डिजिटल ट्विन्स, प्रोडक्शन ऑप्टिमाइजेशन, इंजीनियरिंग ऑटोमेशन, सुरक्षा प्रणाली और उद्योग समाधान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित उन्नति प्रदर्शित की।


कार्यशाला का महत्व

इस कार्यशाला ने चर्चा के लिए एक मंच प्रदान किया और ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाने, लागत को कम करने और सेल के डिजिटल परिवर्तन को तेज करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संभावनाओं को उजागर किया।