आशूरा पर यूपी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम: 900 लोगों की नजरबंदी

आशूरा का महत्व और प्रशासन की तैयारी
यूपी न्यूज. इस वर्ष मुहर्रम का दसवां दिन, जिसे 'आशूरा' कहा जाता है, 6 जुलाई रविवार को मनाया जाएगा। यह दिन मुस्लिम समुदाय के लिए इमाम हुसैन की शहादत की याद में विशेष महत्व रखता है। शिया मुसलमान इस दिन ताजिया और मातम के माध्यम से अपने जज़्बात व्यक्त करते हैं, जबकि सुन्नी समुदाय रोज़ा रखता है और नमाज़ अदा करता है। इस्लामिक कैलेंडर का यह पहला महीना शांति और बलिदान की भावना से जुड़ा होता है। विभिन्न राज्यों में इस अवसर पर जुलूस और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसके चलते उत्तर प्रदेश प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
रविवार की छुट्टी, फिर भी सुरक्षा का ध्यान
6 जुलाई को रविवार होने के कारण अधिकांश संस्थान बंद रहेंगे। फिर भी, केंद्र और राज्य सरकारों ने इसे राजपत्रित अवकाश घोषित किया है। बैंक, डाकघर, स्कूल और सरकारी कार्यालय पूरी तरह बंद रहेंगे। इससे आम जनजीवन को राहत मिलेगी, लेकिन जुलूसों और भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रमों के कारण कानून व्यवस्था की चुनौती बनी रहेगी। इसलिए प्रशासनिक तैयारी आवश्यक मानी जा रही है, खासकर संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है। पुलिस की निगरानी हर संभावित बिंदु पर बनी हुई है।
शेयर बाजारों में भी रहेगा सन्नाटा
मुहर्रम के चलते वित्तीय क्षेत्र में भी सन्नाटा रहेगा। बीएसई और एनएसई जैसे प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज इस दिन बंद रहेंगे, जिसमें इक्विटी, डेरिवेटिव्स और मुद्रा कारोबार जैसे सभी सेगमेंट शामिल हैं। इसके अलावा, कई निजी कंपनियों और मल्टीनेशनल कंपनियों ने भी छुट्टी की घोषणा की है। देशभर में व्यापारिक गतिविधियों की रफ्तार एक दिन के लिए थम जाएगी। निवेशकों और कारोबारियों को इस अवकाश की पहले से जानकारी दी जा चुकी है।
संभल में 900 लोगों की नजरबंदी
यूपी के संभल जिले में 900 से अधिक लोगों को एहतियातन नजरबंद किया गया है। डीएम राजेन्द्र पेंसिया ने स्पष्ट किया कि प्रशासन कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। जिन लोगों पर माहौल बिगाड़ने का संदेह है, उन्हें पहले ही चिन्हित किया गया है। ऐसे लोगों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। यह नजरबंदी पब्लिक सेफ्टी एक्ट जैसे नियमों के तहत की गई है। जिला प्रशासन का कहना है कि यह फैसला लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है।
राज्य भर में कड़ा सुरक्षा इंतजाम
डीजीपी राजीव कृष्ण ने प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नए जुलूसों की इजाज़त नहीं दी जाएगी और हथियारों का प्रदर्शन सख्त मना है। संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। सीसीटीवी कैमरे, पीस कमेटी मीटिंग और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग जैसे उपाय भी लागू किए गए हैं। राज्य सरकार ने सख्ती के साथ संवाद कायम रखने की रणनीति अपनाई है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और पर्व शांतिपूर्वक बीते।
विवादित पोस्टरों और भाषणों पर रोक
राज्य प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आपत्तिजनक बैनर, पोस्टर या सोशल मीडिया कंटेंट पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले भाषण या पोस्ट भी निगरानी में हैं। सभी जिलों को साइबर टीमों को एक्टिव रखने के निर्देश दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की कोशिशों को तुरंत रोका जाएगा। फील्ड अफसरों से कहा गया है कि वे मैदान में रहें और स्थिति का खुद जायजा लें। यह कदम तनाव को जड़ से खत्म करने की दिशा में है।
राजनीतिक संदेश नहीं, शांति प्राथमिकता
प्रशासन इस बार मुहर्रम को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी से बच रहा है। सरकार की ओर से संदेश स्पष्ट है—शांति बनी रहे। धार्मिक संगठनों से संवाद बनाकर पुलिस ने साझा ज़िम्मेदारी की अपील की है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जिलों में भेजा गया है। सभी धार्मिक आयोजनों की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। जनता से सहयोग की अपील की गई है ताकि त्योहार के असल मायने—संयम और श्रद्धा—बने रहें। इस बार सरकार की नीति 'जीरो टॉलरेंस' वाली है।