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इंदौर अस्पताल में चूहों का नवजातों पर हमला, सुरक्षा पर उठे सवाल

इंदौर के एक सरकारी अस्पताल में चूहों ने दो नवजात शिशुओं को काटकर घायल कर दिया, जिससे अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि कीट नियंत्रण अभियान पिछले पांच साल से नहीं चलाया गया था। अब अस्पताल में चूहों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए नई योजना बनाई जा रही है। इस घटना ने न केवल अस्पताल के प्रबंधन को बल्कि स्थानीय लोगों को भी चिंतित कर दिया है।
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इंदौर अस्पताल में चूहों का नवजातों पर हमला, सुरक्षा पर उठे सवाल

इंदौर अस्पताल में चूहों का हमला

इंदौर अस्पताल में चूहों ने नवजातों को काटा: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक सरकारी अस्पताल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अस्पताल के आईसीयू में भर्ती दो नवजात शिशुओं को चूहों ने काट लिया। चिकित्सकों ने बताया कि एक बच्चे की उंगलियों पर चूहों के काटने के निशान हैं, जबकि दूसरे बच्चे के सिर और कंधे पर भी काटने के निशान पाए गए हैं।


ये बच्चे इंदौर के एमवायएच अस्पताल में पिछले सप्ताह जन्मे थे। इस दौरान चूहों ने उन्हें घायल कर दिया। अस्पताल की नर्सिंग टीम ने इस घटना की सूचना प्रबंधन को दी, जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। फुटेज में यह स्पष्ट हुआ कि चूहे नवजात शिशुओं के झूले पर कूद रहे थे।


अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया

अधीक्षक ने दी जानकारी


इस अस्पताल में यह पहली घटना नहीं है, लेकिन रविवार को हुई घटना ने लोगों का ध्यान खींचा। अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि कीट नियंत्रण अभियान आखिरी बार पांच साल पहले चलाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि नवजात शिशु सुरक्षित हैं और उनकी देखभाल की जा रही है। अब अस्पताल में कीट नियंत्रण अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही मरीजों के परिवारों को सलाह दी गई है कि वे वार्ड में खाना न लाएं, ताकि चूहे आकर्षित न हों।


कीट नियंत्रण की तैयारी

चूहों की बढ़ती आबादी पर चिंता


डॉक्टरों ने बताया कि घायल शिशु जन्मजात विकृतियों से ग्रस्त थे और उनका इलाज चल रहा था। इस दौरान चूहे उनके आस-पास घूमते नजर आए। अस्पताल में चूहों की बड़ी संख्या है, जिसे नियंत्रित करने के लिए कीट नियंत्रण योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा लोहे की जालियां लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। यह पहली बार नहीं है जब इंदौर के अस्पताल में चूहों का मामला सामने आया है। 2023 में राज्य के विभिन्न अस्पतालों और शवगृहों में चूहों के हमलों की कई घटनाएं हुई हैं।