इंदौर में अवैध निर्माण का मामला: क्या रिश्वत के चलते हुआ विस्फोट?

इंदौर में अवैध इमारत का विस्फोटक से ध्वस्त होना
इंदौर में एक चार मंजिला अवैध इमारत को विस्फोटकों से ध्वस्त करने के बाद नगर निगम की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में नया मोड़ तब आया जब इमारत के मालिक डॉ. इजहार मुंशी ने आरोप लगाया कि नगर निगम के अधिकारियों ने उनसे पहले 5 लाख रुपये की रिश्वत ली और फिर 15 लाख रुपये की मांग की। जब उन्होंने मना किया, तो उनकी इमारत को बम से उड़ा दिया गया। इस आरोप के बाद नगर निगम और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
सियासत में गर्मी और जांच का आश्वासन
इस मामले ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है और कहा है कि जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. इजहार मुंशी का आरोप
डॉ. इजहार मुंशी, जो हाल ही में स्वास्थ्य विभाग से रिटायर हुए हैं, ने कहा कि उन्होंने अस्पताल खोलने के लिए यह इमारत बनाई थी। उन्होंने बताया कि 22 नवंबर 2020 को उन्होंने इस इमारत का नक्शा पास कराया था, जिसमें बिल्डिंग ऑफिसर ने 5 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। अब दोबारा 15 लाख रुपये की मांग की गई। जब उन्होंने मना किया, तो उनकी इमारत को बम से उड़ा दिया गया।
गलत नक्शा पास करने वालों पर कार्रवाई
नगर निगम कमिश्नर ने संबंधित भवन अधिकारी और निरीक्षक का ट्रांसफर कर दिया है। लेकिन महापौर परिषद के सदस्य राजेश उदावत ने इसे अपर्याप्त बताते हुए शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने उस इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिसने गलत नक्शा पास किया।
विपक्ष की मांग: जांच और निलंबन
नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने मामले की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि केवल ट्रांसफर करना कोई सजा नहीं है, बल्कि यह जनता की आंखों में धूल झोंकने जैसा है। संबंधित इंजीनियरों और अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की जानी चाहिए।
मेयर का बयान
इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि जिस तरह से मकान को तोड़ा गया है, उसमें कई सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मैंने मकान मालिक से कहा है कि वे लिखित में शिकायत दें।