इंदौर में दूषित पानी से 300 से अधिक लोग बीमार, सरकार ने शुरू किया नि:शुल्क इलाज
इंदौर में स्वास्थ्य संकट
इंदौर: मध्य प्रदेश का इंदौर, जो देश के सबसे स्वच्छ शहरों में से एक माना जाता है, अब एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी की आपूर्ति के कारण 35 से अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। सभी प्रभावित मरीजों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
केंद्रीय मंत्री का दौरा
इस घटना की जानकारी मिलते ही केंद्रीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने रात में अस्पताल जाकर मरीजों का हालचाल लिया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
बीमारियों की संख्या में वृद्धि
तीन सौ से अधिक लोग बीमार
24 दिसंबर से भागीरथपुरा क्षेत्र में लोग बीमार पड़ने लगे थे। शुरुआत में कुछ ही मरीज सामने आए थे, लेकिन अब यह संख्या 300 से अधिक हो गई है। मरीजों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बदहजमी जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज जारी है।
सरकार का नि:शुल्क इलाज का आश्वासन
सरकार ने नि:शुल्क इलाज का दिया निर्देश
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अस्पताल में मरीजों और उनके परिवारों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि सभी का इलाज सरकार द्वारा मुफ्त में किया जाएगा। उन्होंने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है। फिलहाल सभी मरीजों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
मौत की खबरें
2 लोगों की हुई मौत
मरीजों की संख्या में वृद्धि के बीच अब मौत की खबरें भी आ रही हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
दूषित पानी की जांच
दूषित पानी की वजह की जांच
मंत्री विजयवर्गीय ने आशंका जताई है कि इलाके में चल रही खुदाई के दौरान किसी ड्रेनेज लाइन के टूटने या पानी की आपूर्ति में गंदगी मिलने से यह समस्या उत्पन्न हुई हो सकती है। इलाके के पानी का सैंपल लिया गया है और जांच के आदेश दिए गए हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मामले पर निगरानी रख रही है और लोगों से पानी को उबालकर पीने की सलाह दी गई है।
मुख्यमंत्री का निर्देश
सीएम ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले पर सख्त जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल प्रशासन का ध्यान मरीजों के बेहतर इलाज और स्थिति को नियंत्रण में रखने पर है।
