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इजरायल-ईरान संघर्ष पर वैश्विक प्रतिक्रियाएँ: ट्रंप का बड़ा कदम?

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर दुनियाभर के देशों की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी7 की बैठक को छोड़कर ईरान पर कार्रवाई करने का संकेत दिया है। इस बीच, रूस और चीन ने इजरायल के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट की है। जानें इस जटिल स्थिति में क्या हो रहा है और वैश्विक नेताओं की प्रतिक्रियाएँ क्या हैं।
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इजरायल-ईरान संघर्ष पर वैश्विक प्रतिक्रियाएँ: ट्रंप का बड़ा कदम?

वैश्विक प्रतिक्रिया

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी7 की बैठक को बीच में छोड़कर तुरंत निकलने का निर्णय लिया, जिससे यह संकेत मिला कि वे ईरान के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाने की योजना बना रहे हैं। एयरफोर्स वन में बैठते समय उन्होंने पत्रकारों को भी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने का इशारा किया। हालांकि, बाद में यह स्पष्ट हुआ कि ईरान पर कार्रवाई करने का निर्णय लेने में उन्हें 15 दिन का समय लगेगा। इस बीच, रूस और चीन ने इजरायल के खिलाफ खुलकर अपनी स्थिति व्यक्त की है, जो संयुक्त राष्ट्र में भी दिखाई दिया।


इजरायल की स्थिति

इजरायल अब अकेला महसूस कर रहा है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मदद की उम्मीद कम होती जा रही है। दूसरी ओर, चीन और रूस लगातार इजरायल पर हमले कर रहे हैं। चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इजरायल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू कांग ने कहा कि इजरायल की कार्रवाइयाँ अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करती हैं और ईरान की संप्रभुता को खतरे में डालती हैं।


रूस की चेतावनी

ईरान पर आयोजित आपातकालीन सत्र में बोलते हुए रूसी दूत वसीली नेबेंजिया ने इजरायली हमलों की निंदा की। उन्होंने कहा कि ईरानी नागरिक परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया जा रहा है, जिससे एक संभावित परमाणु आपदा का खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने सुरक्षा परिषद से अपील की कि वह इस स्थिति का निष्पक्ष मूल्यांकन करे और इजरायल के हमलों को तुरंत रोकने की मांग की।


पश्चिम की आलोचना

नेबेंजिया ने इजरायली आक्रमण को बढ़ावा देने के लिए पश्चिमी देशों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश, फ्रांसीसी और जर्मन राजनयिकों की बयानबाजी भी उतनी ही खतरनाक है जितनी घातक हथियार। रूस ने इजरायल के हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अस्वीकार्य और गैरकानूनी बताया। चीनी दूत फू कांग ने भी इजरायल की कार्रवाइयों को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करार दिया।