इज़राइल का भू-राजनीतिक विस्तार: नेतन्याहू की आक्रामक नीति और क्षेत्रीय तनाव

मध्य पूर्व में इज़राइल की भूमिका
मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही है, जिसमें इज़राइल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में, इज़राइल ने पिछले वर्ष में सीरिया, लेबनान और फिलिस्तीन के 420 किलोमीटर क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। हाल ही में, नेतन्याहू ने गाजा पट्टी पर मिस्र की सीमा तक सैन्य कब्जे की अनुमति दी है, जो दर्शाता है कि इज़राइल का क्षेत्रीय विस्तार किसी भी राजनीतिक या अंतरराष्ट्रीय दबाव से प्रभावित नहीं होगा.
फिलिस्तीन की स्वतंत्रता की मांग
फ्रांस और कनाडा जैसे देशों ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की बात की है, और हमास के साथ संघर्ष विराम की वार्ताएँ भी चल रही हैं। लेकिन इज़राइल के नए आदेश ने मध्य पूर्व में शांति की संभावनाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इज़राइल के इन कदमों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है.
सीरिया में बफर जोन की स्थापना
अलजज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 से इज़राइल ने सीरिया के दक्षिणी हिस्से में 400 किलोमीटर लंबा बफर जोन घोषित किया है। यह क्षेत्र सीरिया की सीमा से सटा हुआ है, जहाँ इज़राइली सेना की नियमित गश्त हो रही है। इज़राइल इसे अपनी सुरक्षा नीति का हिस्सा मानता है, जबकि विशेषज्ञ इसे क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन मानते हैं.
लेबनान में घुसपैठ
हिजबुल्लाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत, इज़राइल ने लेबनान की सीमा में लगभग 5 किलोमीटर तक घुसपैठ की है। इस क्षेत्र में इज़राइली सैन्य बल तैनात हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों की गतिविधियों पर भी प्रभाव पड़ा है। लेबनान की सरकार ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है, जबकि इज़राइल इसे 'सुरक्षात्मक आवश्यकता' के रूप में प्रस्तुत कर रहा है.
वेस्ट बैंक और गाजा पर इज़राइल का नियंत्रण
फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक और गाजा क्षेत्र में इज़राइल का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, वेस्ट बैंक के कई गांवों और क्षेत्रों में इज़राइल ने लगभग 12 किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया है। इस दौरान कई फिलिस्तीनी परिवारों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है, और नई यहूदी बस्तियों का निर्माण तेजी से हो रहा है. गाजा में सबसे बड़ा सैन्य अभियान चल रहा है, जिसमें 41 किलोमीटर लंबी पट्टी को घेर लिया गया है.
इज़राइल का भौगोलिक विस्तार
गाजा युद्ध की शुरुआत अक्टूबर 2023 में हुई थी, जब इज़राइल का क्षेत्रफल लगभग 22,000 वर्ग किलोमीटर था। हालिया सैन्य अभियानों के बाद, 420 किलोमीटर नया क्षेत्र इज़राइल के नियंत्रण में आ गया है। हालांकि इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली है, लेकिन ज़मीनी स्थिति यह है कि इन क्षेत्रों में इज़राइली सेना पूरी तरह से सक्रिय है.
नेतन्याहू का आक्रामक रुख
गाजा में मानवीय संकट गहरा रहा है, और लोग भुखमरी के कगार पर हैं। कई देशों ने इज़राइल पर युद्ध रोकने का दबाव डाला है। फिर भी, नेतन्याहू का रुख बेहद आक्रामक और निर्णायक बना हुआ है। उनके आदेशों से स्पष्ट है कि इज़राइल अपने क्षेत्रीय विस्तार की नीति से पीछे हटने का कोई इरादा नहीं रखता.