इस्तांबुल में रूस-यूक्रेन शांति वार्ता: कोई ठोस नतीजा नहीं

शांति वार्ता का दूसरा दौर
सोमवार, 2 जून 2025 को इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता का दूसरा दौर बिना किसी महत्वपूर्ण परिणाम के समाप्त हुआ। यूक्रेन के एक वार्ताकार ने जानकारी दी कि रूस ने बिना शर्त युद्धविराम के प्रस्ताव को फिर से अस्वीकार कर दिया। यह वार्ता तुर्की के अधिकारियों द्वारा आयोजित की गई थी, लेकिन दोनों देशों के बीच संघर्ष समाप्त करने की दिशा में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई।
वार्ता की अवधि और परिणाम
यह वार्ता लगभग एक घंटे तक चली। यूक्रेन के वार्ताकार सर्गेई किस्लित्स्या ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि रूस ने बिना शर्त युद्धविराम की मांग को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। इससे पहले, 16 मई को हुई पहली वार्ता में भी युद्धविराम पर सहमति नहीं बन पाई थी, हालांकि उस समय 1,000-1,000 युद्धबंदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी थी। इस बार भी दोनों देश एक नए युद्धबंदी आदान-प्रदान पर चर्चा कर रहे हैं, जैसा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने बताया।
यूक्रेन की मांगें और रूस का रुख
यूक्रेन ने वार्ता में बिना शर्त 30 दिन के युद्धविराम की मांग की, जिसे वह शांति प्रक्रिया की पहली सीढ़ी मानता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया कि वार्ता के दौरान यूक्रेन ने रूस को उन बच्चों की सूची सौंपी, जिन्हें रूस ने जबरन अपने क्षेत्र में ले जाया था। यूक्रेन इन बच्चों की वापसी चाहता है। दूसरी ओर, रूस ने अपनी शर्तें दोहराईं, जिनमें यूक्रेन से चार क्षेत्रों (दोनेत्स्क, लुहांस्क, ज़ापोरिज़्ज़िया, और खेर्सन) से अपनी सेना हटाने और नाटो सदस्यता छोड़ने की मांग शामिल है। यूक्रेन ने इन शर्तों को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि वह इन्हें अपनी संप्रभुता के खिलाफ मानता है।
रूस में तनाव और जवाबी हमले की मांग
वार्ता के दौरान रूस में तनाव बढ़ गया। प्रमुख युद्ध ब्लॉगर्स ने मॉस्को से यूक्रेन के खिलाफ बड़े जवाबी हमले की मांग की। यह मांग यूक्रेन के एक साहसी हमले के बाद आई, जिसमें यूक्रेन ने रूस के साइबेरिया और अन्य क्षेत्रों में परमाणु-सक्षम लंबी दूरी के बॉम्बर विमानों को निशाना बनाया। ये हमले रूस के आर्कटिक, साइबेरिया और सुदूर पूर्व के ठिकानों पर किए गए, जो यूक्रेन से 7,000 किलोमीटर से ज्यादा दूर हैं।
यूक्रेन के हमले का प्रभाव
यूक्रेन की सांसद किरा रुडिक ने इस हमले को लेकर कहा, "40 रूसी जेट विमानों का नष्ट होना कोई संयोग नहीं है। रूस हम पर 500 ड्रोन और मिसाइलों से हमला करता है, अब समय आ गया है कि रूस को भी इसका जवाब मिले।" इस हमले से रूस की वायुसेना को 2 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है, जो युद्ध शुरू होने के बाद से रूस के हवाई ठिकानों पर सबसे महंगा हमला है।
जेलेंस्की की प्रतिक्रिया
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने वार्ता के बाद कहा कि यूक्रेन शांति के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है, लेकिन रूस को भी युद्धविराम के लिए गंभीर होना होगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "अगर रूस बिना शर्त युद्धविराम और हत्याओं को रोकने से इनकार करता है, तो कड़े प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए।" उन्होंने अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और पोलैंड के नेताओं के साथ फोन पर बात की और रूस पर दबाव बनाए रखने की अपील की।
भविष्य की संभावनाएँ
तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान ने कहा कि दोनों पक्षों ने सैद्धांतिक रूप से भविष्य में फिर से बातचीत करने पर सहमति जताई है। यूक्रेन ने 20-30 जून के बीच अगली वार्ता का प्रस्ताव रखा है, लेकिन रूस ने अभी तक अपनी शर्तों का दस्तावेज़ साझा नहीं किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की ओर से बिना शर्त युद्धविराम को बार-बार खारिज करना और कठिन शर्तें रखना बातचीत को और जटिल बना रहा है।
निष्कर्ष
यह वार्ता भले ही युद्ध को तुरंत रोकने में नाकाम रही, लेकिन युद्धबंदियों की अदला-बदली और बच्चों की वापसी जैसे मुद्दों पर कुछ प्रगति की उम्मीद बनी हुई है। रूस और यूक्रेन के बीच यह तनाव वैश्विक मंच पर भी चर्चा का विषय है, और दुनिया की नजरें अब अगले कदम पर टिकी हैं।