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ईडी ने अनिल अंबानी समूह की 3,084 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की

प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल अंबानी समूह की 3,084 करोड़ रुपए की संपत्तियों को कुर्क किया है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई है, जिसमें रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जांच शामिल है। ईडी ने पाया कि यस बैंक के माध्यम से सार्वजनिक निवेशकों का पैसा अंबानी समूह की कंपनियों तक पहुंचाया गया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और ईडी की कार्रवाई के पीछे के कारण।
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ईडी ने अनिल अंबानी समूह की 3,084 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी समूह की 40 से अधिक संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया है, जिनकी कुल कीमत लगभग 3,084 करोड़ रुपए है। इनमें मुंबई के पाली हिल में अंबानी परिवार का भव्य निवास, नई दिल्ली का रिलायंस सेंटर, और अन्य संपत्तियां शामिल हैं जो दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम और पूर्वी गोदावरी में स्थित हैं। 


धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई

यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 5(1) के तहत 31 अक्टूबर को की गई। ईडी की जांच रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और फंड डायवर्जन के मामलों से संबंधित है।


यस बैंक का निवेश और अनियमितताएं

2017 से 2019 के बीच, यस बैंक ने आरएचएफएल में 2,965 करोड़ रुपए और आरसीएफएल में 2,045 करोड़ रुपए का निवेश किया, जो बाद में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में बदल गया। जांच में यह सामने आया कि सार्वजनिक निवेशकों का पैसा अप्रत्यक्ष रूप से यस बैंक के माध्यम से अंबानी समूह की कंपनियों तक पहुंचाया गया, जो सेबी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन था।


लोन में अनियमितताएं और धन का दुरुपयोग

ईडी ने यह भी पाया कि आरएचएफएल और आरसीएफएल द्वारा समूह की कंपनियों को दिए गए कॉर्पोरेट लोन में गंभीर अनियमितताएं थीं। कई मामलों में लोन आवेदन और स्वीकृति के उसी दिन फंड जारी कर दिए गए। सुरक्षा दस्तावेज अधूरे या अपंजीकृत थे और फंड का उपयोग स्वीकृत उद्देश्यों से मेल नहीं खाता था।


अवैध संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया

ईडी के अनुसार, यह सब “जानबूझकर और व्यवस्थित नियंत्रण विफलता” के तहत किया गया था। एजेंसी ने यह भी पाया कि रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) और संबद्ध कंपनियों ने 13,600 करोड़ रुपए से अधिक की रकम सदाबहार ऋणों में तथा 12,600 करोड़ रुपए से अधिक राशि संबंधित पक्षों को हस्तांतरित की।


कुर्क की गई संपत्तियों की सूची

कुर्क की गई प्रमुख संपत्तियों में पाली हिल स्थित अंबानी परिवार का घर (नरगिस दत्त रोड, बांद्रा पश्चिम), नई दिल्ली का रिलायंस सेंटर, चर्चगेट स्थित नागिन महल कार्यालय, नोएडा का बीएचए मिलेनियम टॉवर फ्लैट, हैदराबाद का कैप्री अपार्टमेंट, पूर्वी गोदावरी की भूमि तथा चेन्नई के 29 फ्लैट शामिल हैं।


आम निवेशकों के हित में कार्रवाई

ईडी ने कहा है कि अपराध की आय का पता लगाने और अवैध संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया जारी है। एजेंसी का दावा है कि यह बरामदगी अंततः उन आम निवेशकों के हित में होगी, जिनका धन गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया था।