ईपीएफओ की नई योजना: कंपनियों को कर्मचारियों को पीएफ में जोड़ने के लिए 6 महीने का समय
कर्मचारी नामांकन योजना का लाभ उठाएं
नई दिल्ली - कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने नियोक्ताओं को एक विशेष योजना का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया है। इस योजना के तहत कंपनियों को 6 महीने का समय दिया जाएगा, ताकि वे उन कर्मचारियों को प्रोविडेंट फंड (पीएफ) में शामिल कर सकें, जो पहले इसमें नहीं थे। यह अवसर 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच छूटे हुए कर्मचारियों के लिए है।
ईपीएफओ ने इस योजना का नाम कर्मचारी नामांकन योजना या एंप्लाइज एनरोलमेंट स्कीम (ईईएस)-2025 रखा है। यह एक बार मिलने वाली विशेष योजना है, जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक कर्मचारियों को पीएफ की सुविधा प्रदान करना और पूर्व में हुई गलतियों को सुधारना है।
इस योजना के तहत, नवंबर 2025 से 6 महीने का समय दिया जाएगा। इस अवधि में कंपनियां स्वेच्छा से ऐसे पात्र कर्मचारियों को पीएफ में शामिल कर सकती हैं, जिन्हें पहले शामिल नहीं किया गया था। जो संस्थान या कंपनी अभी तक ईपीएफ कानून के तहत पंजीकृत नहीं हैं, वे भी इस योजना के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और अपने कर्मचारियों को पीएफ में जोड़ सकते हैं।
ईईएस-2025 योजना के अंतर्गत, यदि पहले कर्मचारियों के पीएफ का पैसा नहीं काटा गया था, तो इस योजना में कंपनी को केवल नियोक्ता का हिस्सा (एंप्लॉयर शेयर) जमा करना होगा। इसके साथ ही धारा 7क्यू के तहत ब्याज, लागू प्रशासनिक शुल्क और 100 रुपए का जुर्माना देना होगा, तभी इसे पूरी तरह सही माना जाएगा।
जिन संस्थानों पर जांच चल रही है, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, कुछ शर्तों के साथ प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत मिलने वाले फायदे भी इस योजना में शामिल हैं। ईपीएफओ ने सभी नियोक्ताओं से अपील की है कि वे इस एक बार मिलने वाले अवसर का पूरा लाभ उठाएं और “सबके लिए सामाजिक सुरक्षा” के लक्ष्य में योगदान दें। ईपीएफओ ऐसे नियोक्ताओं को एसएमएस और ईमेल के जरिए जानकारी देगा, जिन्होंने पहले नियमों का पालन नहीं किया था।
ईपीएफओ ने इस योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए देशभर में अभियान शुरू किया है। इसके साथ ही, सरकार के विभिन्न विभागों से भी बातचीत की जा रही है, ताकि ठेके पर काम करने वाले और अस्थायी कर्मचारियों को भी पीएफ की सुविधा मिल सके।
