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ईरान-इजराइल संघर्ष: खामेनेई की चेतावनी और इजरायली हमले

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक सख्त चेतावनी दी है, जिसके बाद इजरायली वायुसेना ने तेहरान में हवाई हमले किए। इस संघर्ष में खामेनेई ने स्पष्ट किया है कि ईरान आत्मसमर्पण नहीं करेगा। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या हो रहा है।
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ईरान-इजराइल संघर्ष: खामेनेई की चेतावनी और इजरायली हमले

ईरान-इजराइल संघर्ष की नई परतें

ईरान-इजराइल संघर्ष: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक सख्त जवाब दिया। इसके तुरंत बाद, इजरायली वायुसेना ने तेहरान के लाविजान क्षेत्र में हवाई हमले किए, जिसे खामेनेई का गुप्त ठिकाना माना जाता है।

टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना ने तेहरान के नोबोन्याद स्क्वायर को निशाना बनाया, जहां ईरानी रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय और कई फैक्ट्रियां स्थित हैं।

इजरायली सेना ने इन हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि वे तेहरान में सैन्य ठिकानों पर हमला कर रहे थे, और इसी दौरान लाविजान क्षेत्र में बमबारी की गई। इजराइल के अनुसार, IDF ने ईरानी आंतरिक सुरक्षा एजेंसी के मुख्यालय को नष्ट कर दिया।


खामेनेई की चेतावनी और इजरायली बमबारी

ट्रंप को दी चेतावनी, इजरायल ने कर दी बमबारी

खामेनेई के ठिकानों पर इजरायली डिफेंस फोर्स का यह हमला उस समय हुआ जब उन्होंने ट्रंप को चुनौती दी थी कि ईरान आत्मसमर्पण नहीं करेगा। खामेनेई ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि यदि अमेरिकी सेना इजरायली हमलों में शामिल होती है, तो हम उन्हें गंभीर नुकसान पहुंचाएंगे।

इजरायली सेना ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा दिशा-निर्देशों के तहत स्कूल बंद करने और अन्य प्रतिबंधों को लागू किया गया है। ये बदलाव 20 जून को रात 8 बजे तक प्रभावी रहेंगे।


ट्रंप की चेतावनी और खामेनेई का जवाब

बिना शर्त ईरान सरेंडर करे - ट्रंप

रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले और अन्य विकल्पों में इजरायल का समर्थन करने पर विचार कर रहे हैं। ट्रंप ने ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी और कहा, "अमेरिका जानता है कि ईरान का सर्वोच्च नेता कहां छिपा है।

हम अभी उस पर हमला नहीं करेंगे, लेकिन हमारा धैर्य धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।" ट्रंप की चेतावनी के बाद, खामेनेई ने स्पष्ट किया कि ईरान आत्मसमर्पण नहीं करेगा और न ही थोपी गई शांति या युद्ध को स्वीकार करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान की सेना पूरी तरह तैयार है और उन्हें सरकार और जनता का समर्थन प्राप्त है।