ईरान-इजरायल तनाव: क्या परमाणु हथियारों की दौड़ फिर शुरू होगी?

ईरान को यूरेनियम लौटाने का दबाव
ईरान-इजरायल संघर्ष: इजरायल के रक्षा मंत्री काट्ज ने स्पष्ट किया है कि ईरान को अपने संवर्धित (एनरिच) यूरेनियम को वापस करना होगा, जो परमाणु बम बनाने में उपयोग होता है। उन्होंने बताया कि अमेरिका और इजरायल ने मिलकर ईरान को यह संदेश दिया है कि उसे अपना एनरिच यूरेनियम सौंपना अनिवार्य है।
तनाव की पृष्ठभूमि
हाल के महीनों में इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। इजरायल ने 13 जून 2025 को नतांज न्यूक्लियर सुविधा पर हवाई हमले किए, जो ईरान का प्रमुख यूरेनियम संवर्धन केंद्र माना जाता है। काट्ज ने कहा कि यह हमला ईरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को रोकने के लिए किया गया था। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इस हमले की पुष्टि की और कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बाधित करना उनकी प्राथमिकता है।
फोर्डो से गायब यूरेनियम
रिपोर्टों के अनुसार, युद्ध के बाद फोर्डो न्यूक्लियर साइट से 400 किलोग्राम एनरिच्ड यूरेनियम गायब होने की जानकारी मिली है। इजरायल ने आरोप लगाया है कि ईरान ने इस यूरेनियम को छिपाने का प्रयास किया है, जो परमाणु हथियार बनाने में इस्तेमाल हो सकता है। इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि ईरान पर दबाव डाला जाए ताकि वह इस यूरेनियम को वापस करे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका और इजरायल ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह यूरेनियम को नहीं लौटाता है, तो उसे सैन्य कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इजरायल के अनुसार, अमेरिका ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है। दूसरी ओर, ईरान ने यूरोपीय संघ के साथ बातचीत के दौरान अपनी यूरेनियम संवर्धन क्षमता को समाप्त करने से इनकार कर दिया है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है।
इजरायल की योजना
इजरायल के रक्षा मंत्री काट्ज ने खुलासा किया है कि ईरान के साथ युद्ध के दौरान इजरायली सेना की योजना ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को मारने की थी। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि युद्ध के दौरान ऐसा कोई अवसर नहीं मिला जिससे यह योजना सफल हो सके।
क्षेत्रीय सुरक्षा पर प्रभाव
इजरायल का कहना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम न केवल इजरायल के लिए, बल्कि पूरे मध्य पूर्व के लिए खतरा है। इसे "तीन घातक स्तंभों" का हिस्सा बताया गया है, जिसमें परमाणु हथियार, क्षेत्रीय आतंकवाद और इजरायल को नष्ट करने की मंशा शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तनाव क्षेत्र में नए संघर्ष को जन्म दे सकता है। इजरायल ने स्पष्ट किया है कि वह इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा और जरूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार है। दूसरी ओर, ईरान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस विवाद को सुलझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज कर रहा है।