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ईरान-इजरायल संघर्ष: क्लस्टर बमों का पहला इस्तेमाल और अमेरिका का संभावित निर्णय

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने एक नया मोड़ लिया है, जिसमें ईरान ने पहली बार क्लस्टर बमों का इस्तेमाल किया। इजरायल ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हवाई हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने मिसाइलों और ड्रोनों से हमला किया। इस बीच, अमेरिका ने अपने सैन्य विमानों को कतर से हटाया है और राष्ट्रपति ट्रंप दो हफ्तों में महत्वपूर्ण निर्णय लेने की योजना बना रहे हैं। जानें इस जटिल स्थिति के सभी पहलुओं के बारे में।
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ईरान-इजरायल संघर्ष: क्लस्टर बमों का पहला इस्तेमाल और अमेरिका का संभावित निर्णय

ईरान-इजरायल संघर्ष का नया मोड़

ईरान-इजरायल संघर्ष: ईरान और इजरायल के बीच चल रहा तनाव अब आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है। शुक्रवार को दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिसमें ईरान ने पहली बार क्लस्टर बमों का उपयोग किया। यह हमला दक्षिणी इजरायल के एक अस्पताल को लक्ष्य बनाते हुए किया गया, जिससे कई लोग घायल हुए हैं।


इजरायल के हवाई हमले

इससे पहले, इजरायल ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हवाई हमले किए थे। इसके जवाब में, तेहरान ने क्लस्टर म्यूनिशन से लैस मिसाइलें दागीं। इस हमले को संघर्ष का सबसे बड़ा उकसावा माना जा रहा है, और फिलहाल युद्धविराम या कूटनीतिक समाधान की कोई संभावना नहीं दिख रही है।


इजरायली डिफेंस फोर्स का हमला

इजरायल ने ईरान की परमाणु साइट्स पर किए हमले: इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने शुक्रवार को ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें उन साइट्स को विशेष रूप से निशाना बनाया गया जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि "हम अपनी सैन्य योजना के तय समय से आगे बढ़ चुके हैं और ईरान की सभी परमाणु साइट्स को निशाना बना सकते हैं, यहां तक कि फोर्डो जैसे किलेबंद ठिकाने को भी।"


ईरान का जवाबी हमला

ईरान ने किया क्लस्टर बम से जवाबी हमला: इजरायल के हमले के जवाब में, ईरान ने मिसाइलों और ड्रोनों की बौछार की। इसमें पहली बार क्लस्टर बमों का प्रयोग हुआ, जिससे इजरायल के एक अस्पताल को गंभीर नुकसान पहुंचा। इस हमले में 71 लोग घायल हुए, जिनमें से अधिकांश को मामूली चोटें आईं या पैनिक अटैक के कारण इलाज की आवश्यकता पड़ी।


नेतन्याहू की चेतावनी

नेतन्याहू की ईरान को चेतावनी: प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी, "ईरान के नेतृत्व को इस हमले की पूरी कीमत चुकानी होगी।" उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल अपनी सैन्य रणनीति में अपेक्षा से कहीं आगे बढ़ चुका है।


अमेरिका का संभावित निर्णय

अमेरिका दो हफ्तों में ले सकता है बड़ा फैसला: व्हाइट हाउस ने जानकारी दी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो हफ्तों के भीतर यह निर्णय लेंगे कि अमेरिका इजरायल का सैन्य समर्थन करेगा या नहीं। इस घोषणा के पीछे यह जानकारी भी दी गई कि ईरान "कुछ ही हफ्तों में" परमाणु हथियार तैयार कर सकता है, यदि देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से इसकी मंजूरी मिलती है।


गुप्त वार्ताएं और IRGC में बदलाव

गुप्त वार्ताएं और IRGC में बड़ा बदलाव: सूत्रों के अनुसार, ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची के बीच कई बार फोन पर बातचीत हुई है। इसी बीच, ईरान ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के खुफिया विभाग में नया प्रमुख नियुक्त किया है। ब्रिगेडियर जनरल माजिद खादमी को नया खुफिया प्रमुख बनाया गया है। वे मोहम्मद काजेमी की जगह लेंगे, जो इजरायली हमले में मारे गए थे।


अमेरिका का सैन्य विमानों का स्थानांतरण

अमेरिका ने कतर से हटाए अपने सैन्य विमान: तनाव बढ़ने के बीच, अमेरिका ने कतर स्थित अपने एक प्रमुख एयरबेस से करीब 40 सैन्य विमानों को हटा लिया है। यह कदम ईरान द्वारा संभावित हमले से अमेरिकी संपत्तियों को बचाने के लिए उठाया गया बताया जा रहा है।