ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका और इजरायल का हमला: जानें महत्वपूर्ण तथ्य

ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमले की जानकारी
ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमले: हाल ही में अमेरिका ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की है। अमेरिकी वायुसेना ने बी-2 स्पिरिट बॉम्बर से बंकर बस्टर बम फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर गिराए। इसके अलावा, नतांज और इस्फहान पर टॉमहॉक मिसाइलें भी दागी गईं। हालांकि, ईरान में केवल ये तीन परमाणु स्थल नहीं हैं, बल्कि कुल 12 ऐसे स्थल हैं, जिनमें से 5 पर पहले ही इजरायल और अमेरिका ने हमले किए हैं। अमेरिका ने फोर्डो को निशाना बनाया, जबकि इजरायल ने नतांज, इस्फहान, तेहरान और अराक पर भी हमले किए। आइए, इन न्यूक्लियर स्थलों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ईरान में मौजूद 12 परमाणु स्थल
फोर्डो, नतांज, इस्फहान, तेहरान, बुशेहर, कराज, अराक, अनराक, सगहंद, अरदकान, सिरिक, दरखोविन।
ईरान के पास यूरेनियम की मात्रा
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 तक ईरान के पास 9247.6 किलोग्राम यूरेनियम है, जो 2015 के परमाणु अप्रसार समझौते की सीमा से 45 गुना अधिक है। ईरान के पास 408.6 किलोग्राम (901 पाउंड) प्रोसेस्ड यूरेनियम है, जो 60 प्रतिशत है। परमाणु हथियार बनाने के लिए 90 प्रतिशत प्रोसेस्ड यूरेनियम की आवश्यकता होती है। इस समय, ईरान के पास 10 परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध है।
फोर्डो न्यूक्लियर साइट
फोर्डो ईरान का सबसे बड़ा यूरेनियम प्यूरिफिकेशन प्लांट है, जो कोम शहर के पास एक पहाड़ी के नीचे स्थित है। इसकी जानकारी दुनिया को पहली बार 2009 में मिली थी। यह प्लांट 90 मीटर (295 फीट) की गहराई में है और इसमें 3000 सेंट्रीफ्यूज लगे हुए हैं। इसका नियंत्रण ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) के पास है।
नतांज न्यूक्लियर साइट
नतांज ईरान की दूसरी सबसे बड़ी न्यूक्लियर साइट है, जिसमें वर्तमान में 9 परमाणु बम बनाने जितना यूरेनियम है। यह प्लांट तेहरान से लगभग 250 किलोमीटर (150 मील) दक्षिण में स्थित है। इसकी जानकारी 2002 में सामने आई थी। अप्रैल 2021 में इजरायल ने इस पर हमला किया था, जिससे इसे नुकसान हुआ था।
इस्फहान न्यूक्लियर साइट
इस्फहान में स्थित यूरेनियम कन्वर्जन प्लांट कच्चे यूरेनियम को प्रोसेस करके गैस बनाता है। यहां यूरेनियम को टेट्राफ्लोराइड (UF4) और यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड (UF6) में प्रोसेस किया जाता है। इस प्लांट का औद्योगिक परीक्षण 2004 में किया गया था।
अराक न्यूक्लियर साइट
अराक न्यूक्लियर साइट खोंडब गांव के पास स्थित है, जहां हेवी वाटर रिएक्टर है। यहां प्लूटोनियम का निर्माण होता है, जिसका उपयोग परमाणु हथियार बनाने में किया जा सकता है। इस प्लांट का काम 2000 में शुरू हुआ था, लेकिन 2015 में इसे बंद कर दिया गया था। ईरान ने IAEA को 2026 तक इसे चालू करने की योजना के बारे में बताया है।