Newzfatafatlogo

ईरान में विद्रोह की पुकार: रेजा पहलवी का बड़ा बयान

ईरान के पूर्व राजा के बेटे रेजा पहलवी ने एक बयान में कहा है कि इस्लामिक गणतंत्र का अंत हो चुका है और अब विद्रोह का समय आ गया है। अमेरिका और इजरायल की चेतावनियों के बीच, रेजा पहलवी ने ईरान की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह लड़ाई खामनेई की है, ईरान की नहीं। जानें इस बयान के पीछे की कहानी और ईरान में चल रहे घटनाक्रम के बारे में।
 | 
ईरान में विद्रोह की पुकार: रेजा पहलवी का बड़ा बयान

रेजा पहलवी का बयान

ईरान के पूर्व शासक के बेटे रेजा पहलवी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ईरान को पुनः प्राप्त करने का समय आ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस्लामिक गणतंत्र का अंत हो चुका है और अब उठ खड़े होने का समय है। रेजा पहलवी का यह बयान एक प्रकार से विद्रोह की ओर इशारा करता है। उनके पूर्वजों का शासन ईरान में था, लेकिन इस्लामिक क्रांति के दौरान खुमैनी ने सत्ता अपने हाथ में ले ली थी। अब रेजा पहलवी फिर से विद्रोह की आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई खामनेई की है, ईरान की नहीं।


अमेरिका की चेतावनी

अमेरिका से एक बड़ा बयान सामने आया है। जी 7 की बैठक के बाद, ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उन्हें खामनेई की स्थिति का पता है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ईरान के 'सुप्रीम लीडर' कहां छिपे हैं, यह उन्हें मालूम है। ट्रंप ने कहा कि वे आसान लक्ष्य हैं, लेकिन अभी हम उन पर हमला नहीं कर रहे हैं। अमेरिका अब और सहनशील नहीं रह सकता।


इजरायल की चेतावनी

इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने चेतावनी दी है कि खामनेई का हश्र सद्दाम हुसैन जैसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश ईरान के तानाशाह का क्या हुआ था, यह याद रखना चाहिए। सद्दाम हुसैन को अमेरिका ने पकड़कर फांसी पर लटकाया था।


पहलवी शासन का उदय

कैसे ईरान में अमेरिका की मदद से आया पहलवी शासन 
1953 में अमेरिका ने ब्रिटेन के साथ मिलकर एक साजिश के तहत एक लोकतांत्रिक देश को राजशाही में बदल दिया और मोहम्मद रज़ा पहलवी को ईरान का नया शाह बना दिया। रजा पहलवी को यह समझ में आया कि सत्ता पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए उन्हें जनता का समर्थन प्राप्त करना होगा। 1963 में व्हाइट रिवोल्यूशन की नई नीति लागू की गई, जिसके खिलाफ इस्लामिक नेता आयतुल्लाह खुमैनी ने विरोध का झंडा उठाया। उनका उद्देश्य ईरान को राजशाही से मुक्त कर इस्लामिक देश बनाना था, जिसमें वे सफल रहे।