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उच्चतम न्यायालय ने भूषण स्टील के परिसमापन के आदेश को वापस लिया

उच्चतम न्यायालय ने भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड के परिसमापन के आदेश को वापस लेते हुए मामले की पुनः सुनवाई का आदेश दिया है। न्यायालय ने पहले के निर्णय में कानूनी स्थिति का सही मूल्यांकन न होने की बात कही। अब, बीएसपीएल की समाधान प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाएगा और जेएसडब्ल्यू स्टील की योजना पर नए सिरे से विचार किया जाएगा।
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उच्चतम न्यायालय ने भूषण स्टील के परिसमापन के आदेश को वापस लिया

भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड का मामला

उच्चतम न्यायालय ने कर्ज में फंसी कंपनी भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड (बीएसपीएल) के परिसमापन से संबंधित अपने दो मई के आदेश को गुरुवार को वापस ले लिया।


इससे पहले, शीर्ष अदालत ने बीएसपीएल के कर्ज समाधान के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को अवैध मानते हुए खारिज कर दिया था। प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने इस फैसले की समीक्षा के लिए दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कहा कि पहले के ‘विवादित निर्णय’ में कानूनी स्थिति का सही मूल्यांकन नहीं किया गया था।


पीठ ने कहा, “हमें लगता है कि चुनौती दिए गए निर्णय में उन न्यायिक निर्णयों के संदर्भ में कानूनी स्थिति को सही तरीके से नहीं समझा गया, जिनका पहले उल्लेख किया गया था। इसके अलावा, कई तथ्यों पर आधारित पहलुओं को ध्यान में रखा गया, जबकि वे दलीलें पेश नहीं की गई थीं। हालांकि, इस स्थिति पर मतभेद हैं।”


पीठ ने आगे कहा, “यह मामला पिछले निर्णय को वापस लेने के लिए पूरी तरह उपयुक्त है और इसे फिर से सुनवाई की आवश्यकता है।”


उच्चतम न्यायालय ने समीक्षा याचिकाओं को अगली सुनवाई के लिए सात अगस्त को सूचीबद्ध किया है। दो मई को न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने जेएसडब्ल्यू स्टील द्वारा बीएसपीएल के लिए पेश की गई समाधान योजना को अवैध ठहराया था।


इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने बीएसपीएल के सभी पक्षकारों, समाधान पेशेवर, सीओसी और एनसीएलटी की आलोचना करते हुए कहा था कि समाधान प्रक्रिया में दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) का गंभीर उल्लंघन हुआ है।


उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा था कि कर्ज समाधान योजना को मंजूरी देने में कर्जदाताओं की समिति ने वाणिज्यिक सूझबूझ का परिचय नहीं दिया, क्योंकि यह योजना आईबीसी के प्रावधानों का पूरी तरह उल्लंघन करती है।


हालांकि, अब उच्चतम न्यायालय द्वारा उस फैसले को वापस लेने के बाद बीएसपीएल की समाधान प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाएगा और जेएसडब्ल्यू स्टील की समाधान योजना पर नए सिरे से विचार किया जा सकता है।