उत्तर-पश्चिम भारत में मौसम का मिजाज: आंधी और बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग की नई चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने उत्तर-पश्चिम भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अगले चार से पांच दिनों में आंधी, तेज़ हवाओं और बारिश की संभावना व्यक्त की है। यह चेतावनी तब आई है जब दक्षिण-पश्चिम मानसून देश के अन्य हिस्सों में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है।
आईएमडी का बुलेटिन
आईएमडी ने अपने बुलेटिन में जानकारी दी है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू-कश्मीर और आस-पास के क्षेत्रों में निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तरों पर चक्रवाती गतिविधियां देखी जा रही हैं। इसके साथ ही, दक्षिण पंजाब, पश्चिमी राजस्थान और मध्य उत्तर प्रदेश में भी चक्रवातीय परिसंचरण प्रणाली सक्रिय है।
इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज़ हवाएं (40–50 किमी/घंटा) चलने की संभावना है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 2 जून तक बिखरी हुई वर्षा की उम्मीद है। विशेष रूप से 30 मई को इन क्षेत्रों में हवा की गति 70 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है।
आईएमडी की चेतावनी
आईएमडी ने चेतावनी दी है कि 30–31 मई को जम्मू-कश्मीर-लद्दाख क्षेत्र में, 31 मई और 1 जून को हिमाचल प्रदेश में और 30 मई से 2 जून के बीच उत्तराखंड में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा, पश्चिमी राजस्थान में 30 मई को धूल भरी आंधी की भी संभावना जताई गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मई में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ असामान्य हैं, क्योंकि ये आमतौर पर सर्दियों के महीनों में अधिक प्रभावी होते हैं। आईएमडी के प्रमुख एम. मोहपात्रा के अनुसार, इन विक्षोभों के बने रहने से उत्तर-पश्चिम भारत में तीव्र और अचानक मौसम परिवर्तन हो रहे हैं, जिससे मानसून की प्रगति भी प्रभावित हो सकती है।
मानसून की प्रगति
इस बीच, मानसून ने गुरुवार को ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के साथ-साथ पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों में प्रगति की है। मानसून की उत्तरी सीमा मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, पुरी और बालुरघाट तक पहुंच चुकी है।
आईएमडी का कहना है कि आने वाले 1-2 दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून बिहार और पश्चिम बंगाल के और इलाकों में प्रवेश कर सकता है। बुधवार को देश के कई हिस्सों जैसे तमिलनाडु, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और कोंकण क्षेत्र में तेज़ हवाएं (40–80 किमी/घंटा) दर्ज की गईं।