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उत्तर प्रदेश में 2027 की जनगणना की तैयारी शुरू

उत्तर प्रदेश में 2027 की जनगणना के लिए तैयारियों का कार्य आरंभ हो चुका है। सरकार ने जनगणना की प्रक्रिया 1 से 28 फरवरी 2027 के बीच आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस दौरान, हर व्यक्ति को उसके निवास स्थान पर गिना जाएगा। अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें जनगणना से जुड़े नियमों की जानकारी दी गई। जानें इस प्रक्रिया में क्या-क्या शामिल है और कैसे हर नागरिक का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
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उत्तर प्रदेश में 2027 की जनगणना की तैयारी शुरू

जनगणना की प्रक्रिया का कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश में 2027 की जनगणना के लिए तैयारियों का कार्य आरंभ हो चुका है। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जनगणना की प्रक्रिया 1 फरवरी 2027 से 28 फरवरी 2027 के बीच संपन्न होगी। महत्वपूर्ण यह है कि इस दौरान जो व्यक्ति जिस स्थान पर निवास करेगा, उसे वहीं गिना जाएगा।


प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

राज्य के सभी जिलों के जनगणना और चार्ज अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जनगणना निदेशालय और राजस्व परिषद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। इसमें अधिकारियों को जनगणना से संबंधित नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी प्रदान की गई। इस कार्यक्रम में निदेशक (जनगणना) शीतल वर्मा और विशेष कार्याधिकारी राजकुमार द्विवेदी ने मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभाई।


गिनती की प्रक्रिया

जनगणना कर्मी हर गांव-मोहल्ले जाकर करेंगे गिनती


प्रशिक्षण में यह स्पष्ट किया गया कि जो व्यक्ति जेल में हैं, उन्हें वहीं गिना जाएगा। इसी प्रकार, मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में रहने वाले व्यक्तियों की गिनती भी वहीं की जाएगी। जनगणना कर्मी हर गांव और मोहल्ले में जाकर गिनती करेंगे।


कर्मियों की ड्यूटी का निर्धारण

इसी अवधि तक कर्मियों की ड्यूटी भी तय होगी


जनगणना की तैयारियों के तहत 31 दिसंबर 2026 तक सभी परिवारों का चिह्नांकन कर लिया जाएगा। इसी समय सीमा के भीतर कर्मियों की ड्यूटी भी निर्धारित कर दी जाएगी। राज्य सरकार ने जिलों में एडीएम (वित्त) को जिला जनगणना अधिकारी नियुक्त किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तहसीलदार और शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी (ईओ) को जनगणना चार्ज अधिकारी बनाया गया है।


हर नागरिक का पंजीकरण

हर नागरिक होगा दर्ज


नगर निगम क्षेत्रों में नगर आयुक्त को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि अन्य जिलों में यह जिम्मेदारी डीएम संभालेंगे। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि गिनती में कोई चूक न हो और हर नागरिक को उसके वास्तविक स्थान पर दर्ज किया जाए।