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उत्तर प्रदेश में गाय खरीद पर 80,000 रुपये तक की सब्सिडी योजना

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण रोजगार और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई गाय सब्सिडी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, पशुपालकों को दो गायों की खरीद पर 80,000 रुपये तक की सहायता मिलेगी। योजना का उद्देश्य देशी नस्ल की गायों की खरीद को प्रोत्साहित करना और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी रोजगार सृजित करना है। जानें इस योजना की पात्रता और विशेष शर्तें, जो इसे पशुपालन के इच्छुक युवाओं के लिए एक प्रेरक अवसर बनाती हैं।
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उत्तर प्रदेश में गाय खरीद पर 80,000 रुपये तक की सब्सिडी योजना

गाय सब्सिडी योजना का उद्देश्य

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण रोजगार और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य देशी नस्ल की उन्नत गायों की खरीद को प्रोत्साहित करना है, जिससे पशुपालक आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।


सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता

इस योजना के तहत, दो गायों की एक यूनिट पर सरकार कुल लागत का 40% या अधिकतम ₹80,000 तक की सहायता प्रदान कर रही है। यह राशि लाभार्थी के खाते में एक माह के भीतर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से पहुंचाई जाएगी। योजना का मुख्य उद्देश्य दूध की उपलब्धता में वृद्धि करना और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी रोजगार सृजित करना है।


सब्सिडी के लिए योग्य खर्च

पशुपालकों को निम्नलिखित खर्चों पर सब्सिडी मिलेगी:


1. गायों की खरीद पर सहायता


2. परिवहन व्यय


3. पशु बीमा


4. चारा काटने की मशीन


5. शेड निर्माण की लागत


एक यूनिट की कुल अनुमानित लागत ₹2 लाख है, जिसमें सरकार का बड़ा हिस्सा शामिल है ताकि पशुपालकों पर शुरुआती निवेश का बोझ कम हो सके। हालांकि, योजना से जुड़ी कुछ शर्तें भी हैं, जैसे कि खरीदी गई गायों का तीन वर्ष तक बीमा कराना अनिवार्य है।


पात्रता और विशेष शर्तें

योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता आवश्यक है:


1. आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।


2. आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।


3. पशुपालन के लिए शेड और पर्याप्त स्थान उपलब्ध होना चाहिए।


4. आवेदक के पास पहले से दो से अधिक उन्नत नस्ल या F-1 संकर गायें नहीं होनी चाहिए।


5. गायें राज्य के बाहर से खरीदी जानी चाहिए।


6. केवल गिर, साहीवाल, हरियाणा, थारपारकर जैसी नस्लों की पहली या दूसरी ब्यांत की गायें मान्य होंगी।


यदि यह योजना समय पर लागू होती है, तो यह उत्तर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन की स्थिति को बदल सकती है और पशुपालन के इच्छुक युवाओं के लिए एक प्रेरक शुरुआत हो सकती है।