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उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नई सड़कें: सीएम ग्रिड योजना का विस्तार

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क विकास को प्राथमिकता दी है। सीएम ग्रिड योजना के तहत आगरा में पांच प्रमुख सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जिससे बेहतर कनेक्टिविटी और विकास के अवसर मिलेंगे। इस योजना में अतिक्रमण समाप्त करने और तकनीकी उपकरणों के साथ सड़क निर्माण की नई तकनीक का उपयोग किया जाएगा। जानें इस योजना के बारे में और कैसे यह ग्रामीण इलाकों में बदलाव लाएगी।
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उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नई सड़कें: सीएम ग्रिड योजना का विस्तार

उत्तर प्रदेश में सड़क विकास की नई पहल


उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश सरकार शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूती से विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसके चलते गांवों और छोटे कस्बों में डबल लेन सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है, जिससे लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी और विकास के नए अवसर मिल रहे हैं।


सीएम ग्रिड योजना के तहत आगरा में पांच प्रमुख सड़कों के विकास की योजना बनाई गई है। इन सड़कों के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। 165 करोड़ रुपये की लागत से मॉडल रोड का निर्माण किया जाएगा। आगरा में आने वाले महीनों में इन सड़कों का स्वरूप बदल जाएगा। इन महत्वपूर्ण सड़कों को सीएम ग्रिड योजना के तहत मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। नगर निगम ने इसके लिए टेंडर भी जारी किया है।


अतिक्रमण का समाधान


सीएम ग्रिड योजना के अंतर्गत चयनित पांच सड़कों को चौड़ा किया जाएगा, जिससे अतिक्रमण समाप्त होगा। डबल चैनल रोड का निर्माण किया जाएगा। सड़कों पर बेंच, दो प्रकार के फुटपाथ, गमलों में फूलदार पौधे और सर्विस रोड पर डस्टबिन लगाए जाएंगे। नगरपालिका के मुख्य अभियंता बीएल गुप्ता ने बताया कि इन पांच सड़कों में हरीपर्वत चौराहे से रवि हॉस्पिटल-दिल्ली गेट से राजा मंडी स्टेशन तक 1.25 किलोमीटर, टेढ़ी बगिया से कालिंदी विहार एनएच-19 तक 2.88 किलोमीटर, बसई मंडी से इंद्रापुरम चौराहे तक 2 किलोमीटर, इंद्रापुरम चौराहे से होटल अमर तक 2.20 किलोमीटर और सुभाष पार्क से कोठी मीना बाजार होते हुए मारुति एस्टेट तक 3.40 किमी का हिस्सा शामिल है।


सड़क निर्माण की नई तकनीक


सड़क निर्माण से पहले तकनीकी उपकरण जैसे बिजली, गैस, टेलीफोन और पानी की पाइपलाइन का निर्माण किया जाएगा। इससे सड़क बनने के बाद खोदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। फुटपाथ यूटिलिटी डक्ट के पास ही बनाए जाएंगे। योजना में केवल उन सड़कों को चुना गया है जो फुटपाथों के लिए उपयुक्त हैं।