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उत्तर प्रदेश में नए रिंग रोड प्रोजेक्ट से सड़क कनेक्टिविटी में सुधार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आजमगढ़ में एक नए रिंग रोड प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, जो 13 गांवों से होकर गुजरेगा। यह परियोजना ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। NHAI ने 27 गांवों में भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया है, और रिंग रोड की लंबाई लगभग 15.7 किलोमीटर होगी। यह रिंग रोड वाराणसी-लुंबिनी नेशनल हाइवे से भी जुड़ेगा, जिससे वाहन चालकों को शहर में प्रवेश किए बिना बाहर निकलने की सुविधा मिलेगी।
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उत्तर प्रदेश में नए रिंग रोड प्रोजेक्ट से सड़क कनेक्टिविटी में सुधार

उत्तर प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी में सुधार के लिए नया रिंग रोड


उत्तर प्रदेश समाचार: योगी सरकार उत्तर प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण रिंग रोड प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है, जो 13 गांवों से होकर गुजरेगा। यह कदम आजमगढ़ शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए उठाया गया है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस परियोजना के लिए 27 गांवों में 91.39 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण शुरू कर दिया है। इसके साथ ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार की जा रही है। पूर्वी आजमगढ़ बाईपास को चौड़ा करने और मजबूत करने का भी प्रस्ताव है, जो आजमगढ़-दोहरीघाट और प्रयागराज-मुंगरा बादशाहपुर-जौनपुर राजमार्गों से जुड़ा है। सर्वेक्षण पहले ही किया जा चुका है, और यह परियोजना आजमगढ़ में बढ़ते ट्रैफिक को कम करने में मदद कर सकती है। रिंग रोड की लंबाई लगभग 15.7 किलोमीटर होगी और यह 13 गांवों से गुजरेगा।

रिंग रोड की मंजूरी

इस रिंग रोड को मई में मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद निर्माण कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया गया है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी जारी है, और स्थानीय प्रशासन तथा संबंधित विभाग नियमित रूप से इस कार्य की निगरानी कर रहे हैं। यह रिंग रोड वाराणसी-लुंबिनी नेशनल हाइवे-233 से भी जुड़ेगा, जो 218.800 किमी से शुरू होकर 247.850 किमी पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिलेगा।

रिंग रोड रानी की सराय से शुरू होकर सेमरहा अंडरपास, गोरखपुर-दोहरीघाट रोड होते हुए उकरौड़ा गांव तक पहुंचेगा। इसकी कुल लंबाई 15.7 किलोमीटर होगी, जिससे वाहन चालकों को शहर में प्रवेश किए बिना बाहर निकलने की सुविधा मिलेगी।

रिंग रोड से गुजरने वाले गांव

एनएचआई के सर्वे में जिन 27 गांवों के किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, उनमें सेमरहा, खैरपुर जगजीवन, मोलनापुर माफी, ऊंचा गांव, तमौली, जिरिकपुर, अबू सईदपुर, सरायशादी, गौरडीह आइमा, गौरडीह खालसा, बेलनाडीह, चकदुबे, हेंगापुर, बजहूद्दीनपुर, बिहरोजपुर, छित्तमपुर, बैठौली, शाहगढ़, दौलतपुर, बद्दोपुर, अईनिया, लोहरैया, शेखपुरा, कोठरा, आहोपट्टी, चंदौका और उकरौड़ा शामिल हैं।