उत्तर प्रदेश में नए विंध्य एक्सप्रेसवे का निर्माण: विकास की नई दिशा

विंध्य एक्सप्रेसवे का महत्व
उत्तर प्रदेश में विकास को गति देने के लिए नए एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा है। वर्तमान में, राज्य में 15 से अधिक एक्सप्रेसवे हैं, जिनमें से कुछ यातायात के लिए खोले जा चुके हैं, जबकि कई निर्माण के अंतिम चरण में हैं। हाल ही में, 22,400 करोड़ रुपये की लागत से 320 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे बनाने की घोषणा की गई है।
कनेक्टिविटी का विस्तार
कौन-कौन से जिले जुड़ेगा
यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज से शुरू होकर मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र होते हुए आगे छत्तीसगढ़ और झारखंड को भी जोड़ेगा।
लागत और भूमि अधिग्रहण
कितनी होगी लागत
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण आवश्यक होगा, जिसके लिए सरकार ने किसानों को मुआवजा देने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया में 4200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जबकि कुल निर्माण लागत 22,400 करोड़ रुपये होगी।
औद्योगिक विकास में योगदान
रूट का विवरण
यह एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, विशेषकर उन जिलों में जहां कालीन, पत्थर, खनिज और पीतल का उद्योग है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इसके निर्माण के लिए सलाहकार कंपनी का चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अन्य प्रस्तावित एक्सप्रेसवे
नए एक्सप्रेसवे की योजना
विंध्य एक्सप्रेसवे के साथ-साथ आगरा-लखनऊ और गंगा एक्सप्रेसवे का भी निर्माण प्रस्तावित है। गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र को जोड़ेगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लिंक
पूर्वांचल से कनेक्शन
विंध्य एक्सप्रेसवे चंदौली से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु गाजीपुर को जोड़ेगा। इसका निर्माण जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।