Newzfatafatlogo

उत्तर प्रदेश में परिवहन और कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व बदलाव

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में परिवहन और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव हो रहे हैं। पिछले आठ वर्षों में सड़क, एक्सप्रेसवे और एविएशन सेक्टर में हुई प्रगति ने प्रदेश को निवेश और विकास का नया केंद्र बना दिया है। जानें कैसे यूपी ने अपने एक्सप्रेसवे नेटवर्क को बढ़ाया है और हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि की है। 2030 तक उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी का विशाल नेटवर्क स्थापित करने की योजनाएं भी हैं।
 | 
उत्तर प्रदेश में परिवहन और कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व बदलाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश 'विकसित यूपी एट 2047' के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें परिवहन और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। पिछले आठ वर्षों में सड़क, एक्सप्रेसवे और एविएशन सेक्टर में हुई प्रगति ने प्रदेश की गति को बढ़ाया है और इसे निवेश तथा विकास का नया केंद्र बना दिया है।


2017 से पहले की स्थिति

2017 से पहले उत्तर प्रदेश में सड़क और एविएशन अवसंरचना का विकास बहुत धीमा था। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क की लंबाई 2013-14 में 51,549 किलोमीटर से बढ़कर 2016-17 में केवल 56,846 किलोमीटर हो पाई। इसी तरह, हवाई कनेक्टिविटी भी सीमित थी, जिसमें 17 वर्षों में केवल 55 लाख यात्रियों की वृद्धि हुई।


विकास की नई दिशा

मुख्यमंत्री योगी की सरकार ने 2017 के बाद सड़क, हवाई और जल परिवहन में समन्वित दृष्टिकोण अपनाया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क की लंबाई 2024-25 तक 77,425 किलोमीटर तक पहुंचने का लक्ष्य है। उत्तर प्रदेश अब देश में सबसे आगे निकलते हुए 22 एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने की दिशा में अग्रसर है।


एक्सप्रेसवे का विस्तार

उत्तर प्रदेश को अब 'एक्सप्रेसवे प्रदेश' के रूप में जाना जाता है। 1949-50 में जहां कोई एक्सप्रेसवे नहीं था, वहीं 2016-17 तक यह संख्या केवल तीन थी। लेकिन 2025-26 तक यह संख्या 22 तक पहुंचने की उम्मीद है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट न केवल आंतरिक कनेक्टिविटी को बढ़ा रहे हैं, बल्कि यूपी को लॉजिस्टिक हब के रूप में भी स्थापित कर रहे हैं।


नए प्रोजेक्ट और कनेक्टिविटी

एक्सप्रेसवे नेटवर्क को विस्तारित करने के लिए कई नए प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, जिनमें गंगा एक्सप्रेसवे, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे और जेवर लिंक एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने से प्रदेश का सड़क नेटवर्क और मजबूत होगा और पड़ोसी राज्यों से कनेक्टिविटी में सुधार होगा।


हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि

2004-05 में उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क 5,599 किलोमीटर था, जो 2023-24 तक बढ़कर 12,292 किलोमीटर हो गया। 1950 में जहां प्रदेश में एक भी हवाई अड्डा नहीं था, वहीं 2025 तक इनकी संख्या 16 (पांच निर्माणाधीन सहित) हो जाएगी। जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक बनने की दिशा में अग्रसर है।


भविष्य की योजनाएं

योगी सरकार 2030 तक उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी का एक विशाल नेटवर्क स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है। सभी जिला मुख्यालयों को एक्सप्रेसवे से जोड़ने और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर विश्वस्तरीय रोपवे निर्माण की योजना है। मुख्यमंत्री का लक्ष्य है कि 2047 तक हर मंडल में एक विश्वस्तरीय एयरपोर्ट हो।