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उत्तर प्रदेश में मौसम का संकट: गर्मी और बारिश का सामना

उत्तर प्रदेश इस समय दोहरी मौसमीय चुनौतियों का सामना कर रहा है। अप्रैल-मई में हुई बेमौसम बारिश ने फसलों को नुकसान पहुँचाया, जबकि अब भीषण गर्मी ने जनजीवन को प्रभावित किया है। राज्य के कई जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। मौसम विभाग ने 11 जून से हल्की बारिश की संभावना जताई है, लेकिन उससे पहले गर्मी अपने चरम पर पहुँचने की संभावना है। जानें और क्या कहता है मौसम विभाग।
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उत्तर प्रदेश में मौसम की चुनौतियाँ

उत्तर प्रदेश इस समय दोहरी मौसमीय समस्याओं का सामना कर रहा है। अप्रैल और मई में हुई अनियमित बारिश ने फसलों को नुकसान पहुँचाया, जबकि अब गर्मी ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य के कई जिलों में तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है, और मौसम विभाग ने इस सप्ताह राहत की कोई उम्मीद नहीं जताई है।
लखनऊ स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ने की संभावना है। विशेष रूप से पश्चिमी दिशा से आने वाली शुष्क हवाओं के कारण तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। दिन की तेज धूप का प्रभाव रात के तापमान पर भी पड़ेगा, जिससे रातें भी गर्म और असहज होंगी।
11 जून से हल्की बारिश की संभावना
हालांकि, मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 11 जून से राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। यह राहत कुछ दिनों तक बनी रह सकती है, लेकिन उससे पहले गर्मी अपने चरम पर पहुँचने की संभावना है। बुंदेलखंड और विंध्याचल के क्षेत्रों में लू चलने की आशंका है, जो विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए खतरनाक हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अभी कोई मजबूत मौसमी तंत्र सक्रिय नहीं है, जिससे मानसून की सटीक तारीख बताना मुश्किल है। लेकिन यह स्पष्ट है कि अगले कुछ दिन गर्म हवाओं और तेज धूप के साथ गुजरेंगे।
प्रयागराज बना 'तापमान का राजा'
शनिवार को प्रयागराज ने पूरे प्रदेश में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया, जो 43.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया। इसके बाद आगरा 43 डिग्री के साथ दूसरे स्थान पर रहा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में आकाश पूरी तरह साफ है और नमी की कमी के कारण तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है।