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उत्तर भारत में ठंड का बढ़ता प्रभाव, हरियाणा और पंजाब में तापमान में गिरावट

उत्तर भारत में ठंड का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है, खासकर हरियाणा और पंजाब में। तापमान में गिरावट के कारण लोग सुबह और शाम के समय ठंड का अनुभव कर रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में शीतलहर का प्रभाव और बढ़ सकता है। हरियाणा में तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जबकि पंजाब में फरीदकोट सबसे ठंडा जिला बन गया है। जानें इस मौसम के कारण और आगे की संभावनाओं के बारे में।
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उत्तर भारत में ठंड का बढ़ता प्रभाव, हरियाणा और पंजाब में तापमान में गिरावट

उत्तर भारत में ठंड का असर बढ़ा

दिल्ली एनसीआर, हरियाणा और पंजाब समेत उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ठंड ने तेजी से बढ़त बनाई है। रात के तापमान में लगातार कमी के कारण लोग सुबह और शाम के समय ठंड का अनुभव कर रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में शीतलहर का प्रभाव और बढ़ सकता है, क्योंकि हवा की दिशा पहाड़ों से मैदानों की ओर स्थिर हो रही है।


हरियाणा में तापमान में गिरावट

हरियाणा में तापमान में अचानक गिरावट आई है। मेट ऑफिस के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, नारनौल में शनिवार को न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से लगभग 4 डिग्री कम है। यह इस मौसम का सबसे कम तापमान है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह में इतना तापमान गिरना औसत से कम है, जिससे घने कोहरे की संभावना बढ़ रही है।


अन्य शहरों का तापमान

हिसार में न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री, भिवानी में लगभग 6 डिग्री, सिरसा में 6.4 डिग्री, करनाल में 7.5 डिग्री और अंबाला में 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों को सुबह और रात के समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी ठंड में बुजुर्गों, बच्चों और सांस के मरीजों में संक्रमण और बुखार का खतरा बढ़ जाता है।


पंजाब में ठंड का असर

पंजाब में भी ठंड का प्रभाव बढ़ता दिख रहा है। खेतों में सुबह बर्फ जैसा पाला दिखाई दे रहा है और लोग सड़क किनारे अलाव जलाकर राहत की तलाश कर रहे हैं। शनिवार को फरीदकोट सबसे ठंडा जिला रहा, जहां न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य स्तर से लगभग 4 डिग्री कम है।


अन्य प्रमुख शहरों का तापमान

अमृतसर में 5.6 डिग्री, गुरदासपुर में 5 डिग्री, लुधियाना में 7 डिग्री, पठानकोट में 5.2 डिग्री, बठिंडा में 4.6 डिग्री और पटियाला में 9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. एस के शर्मा के अनुसार, पिछले सप्ताह पश्चिमी विक्षोभ कमजोर रहा, जिसके कारण ठंडी हवाएं मैदानों में प्रवेश कर रही हैं। अगले 4 से 6 दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना है।


ठंड बढ़ने के कारण

मौसम विभाग ने ठंड बढ़ने के कुछ कारण बताए हैं, जैसे पहाड़ों पर लगातार बर्फबारी, साफ आसमान से रात में तापमान में तेजी से गिरावट, हवा की दिशा का उत्तर-पश्चिम में स्थिर होना और नमी में कमी। मौसम विभाग ने किसानों को सुबह सिंचाई से बचने और फसल पर पाला सुरक्षा उपाय लागू करने की सलाह दी है।


आगे का मौसम

मौसम विश्लेषकों का मानना है कि सप्ताहांत तक कोहरा घना हो सकता है, जिससे ट्रैफिक प्रभावित होने की संभावना है। कुछ शहरों में अलर्ट भी जारी किया जा सकता है। दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है, और ठंडी हवा प्रदूषण को जमीन पर रोकती है, जिससे सांस की तकलीफ वाले मरीजों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।


क्या यह सामान्य ठंड से अलग है?

पिछले तीन वर्षों की तुलना में इस साल ठंड जल्दी शुरू होती दिख रही है। जलवायु विश्लेषकों का कहना है कि एल नीनो का प्रभाव मौसम को अस्थिर बना रहा है, और आने वाले महीनों में तापमान में और गिरावट संभव है।