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उत्तरकाशी में भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध, राहत कार्य जारी

उत्तरकाशी में सोमवार को एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिससे गंगनानी जाने वाली मुख्य सड़क अवरुद्ध हो गई। प्रशासन ने मलबा हटाने के लिए भारी मशीनरी तैनात की है। इस घटना के चलते क्षेत्र में राहत कार्य जारी है, जबकि मौसम विभाग ने और बारिश की चेतावनी दी है। जानें इस प्राकृतिक आपदा के प्रभाव और प्रशासन की कार्रवाई के बारे में।
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उत्तरकाशी में भूस्खलन की घटना

सोमवार की सुबह उत्तरकाशी में एक गंभीर भूस्खलन हुआ, जिससे गंगनानी जाने वाली मुख्य सड़क पूरी तरह से बंद हो गई। नेताला के निकट हुए इस भूस्खलन के कारण सड़क पर मलबा और कीचड़ जमा हो गया, जिससे वाहनों का आवागमन रुक गया। अधिकारियों के अनुसार, यह घटना सुबह के समय हुई, जिसके चलते गंगनानी क्षेत्र तक पहुंच अस्थायी रूप से बाधित हो गई है।


भूस्खलन के बाद, प्रशासन ने मलबा हटाने के लिए जेसीबी और अन्य भारी मशीनरी को तैनात किया है। प्रशासन का कहना है कि सड़क को जल्द से जल्द साफ करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि यातायात बहाल हो सके। यह घटना उत्तरकाशी जिले में हो रहे मौजूदा मौसम संकट का हिस्सा है। पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।


इस हफ्ते की शुरुआत में, बादल फटने की एक और गंभीर घटना ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई। धराली और आसपास के इलाकों में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग लापता हैं। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें निरंतर राहत कार्य में जुटी हुई हैं। खोज और बचाव अभियान अभी भी जारी है, लेकिन रविवार को बारिश के कारण कार्य में बाधाएं आई हैं।


धराली में बाढ़ के बाद मलबा और मिट्टी दलदल में बदल गई है, जिससे बचाव दल को वहां पहुंचने में कठिनाई हो रही है। उत्तरकाशी के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि अब तक 1,308 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। राहत कार्यों को 24 घंटे जारी रखने का आदेश दिया गया है और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।


भारत मौसम विभाग (IMD) ने उत्तरकाशी में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। कुछ क्षेत्रों में देर शाम और रात के समय भारी बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा और बढ़ सकता है।